डोबरा-चांठी पुल – दो
राजनीति के कारण नहीं हो पाया था शिलान्यास
विक्रम बिष्ट*
गढ़ निनाद न्यूज़* 29 सितम्बर 2020
नई टिहरी। सन 2006 में उत्तराखंड कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष हरीश रावत प्रताप नगर होते हुए टिहरी पहुंचे थे। प्रताप नगर के विधायक फूल सिंह बिष्ट प्रदेश अध्यक्ष के करीबी थे। उनके आग्रह पर ही राज्यसभा सदस्य एवं प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत ने डोबरा चांठी पुल बनाने की घोषणा की थी। स्वर्गीय बिष्ट के करीबी रहे जिला पंचायत के पूर्व सदस्य मुरारीलाल खंडवाल बताते हैं कि पुल के शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी आने वाले थे। मूलतः डोबरा चांठी पुल प्रताप नगर क्षेत्र के लिए ही स्वीकृत हुआ था, इसलिए शिलान्यास कार्यक्रम झील के उस पार प्रताप नगर क्षेत्र में होना था। खंडवाल के अनुसार केंद्रीय बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी आने वाले थे। कार्यक्रम फाइनल हो गया था। स्वाभाविक तौर से टिहरी के विधायक भी अपने क्षेत्र में शिलान्यास कार्यक्रम करवाना चाहते थे। इस खींचतान में शिलान्यास कार्यक्रम रद्द हो गया।
कई कारणों से डोबरा चांठी पुल का निर्माण बीरबल की खिचड़ी बन कर रह गया था। 2012 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद प्रताप नगर विधायक विक्रम सिंह नेगी ने इस कार्य को आगे बढ़ाया। 2017 में प्रताप नगर से विजय पंवार फिर से विधायक चुने गए। उन्होंने इस पुल के निर्माण को पूरा करवाना अपनी जिद में शामिल किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी रुचि ली। नतीजा सामने आ रहा है।
इन जनप्रतिनिधियों के साथ इस पुल के प्रोजेक्ट मैनेजर सुरेंद्र सिंह मखलोगा और उनकी टीम के समर्पण को इस ऐतिहासिक मुहूर्त का श्रेय जाता है। विजय पंवार और विक्रम नेगी बेशक राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं। फिलहाल उनको अपने-अपने दलों के भीतर कोई बड़ी चुनौती नहीं है। लेकिन पीपलडाली पुल की लड़ाई दोनों ने साझा होकर लड़ी थी। लगभग 21 वर्ष पूर्व पंवार टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष और विक्रम नेगी जाखणी धार के ब्लॉक प्रमुख थे। मुझे याद है
टीएचडीसी के हेड ऑफिस में सीएमडी एम एल गुप्ता ने कहा था तुम लोग पुल निर्माण पर इतना जोर क्यों दे रहे हो? हम वहां स्ट्रीमर दे रहे हैं। इधर से सभी ने कहा हम को हरहाल में भारी वाहन पुल चाहिए। सीएमडी ने हामी भर दी। तभी उनके टेबल पर एक चिट्ठी पहुंची। पढ़कर बोले बनाएंगे लखनऊ से भी चिट्ठी आ गई है।