राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी में राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर विचार गोष्ठी का आयोजन
गढ़ निनाद समाचार * 5 नवम्बर
जामणीखाल (टिहरी)। राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी) टिहरी गढ़वाल में 21वें राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी प्राचार्य डॉ० प्रतापसिंह बिष्ट ने आन्दोलन के अपने व्यक्तिगत अनुभवो को साझा करते हुये आन्दोलन की पृष्ठभूमि बतायी। साथ ही उन्होंने कहा कि यह आन्दोलन जन आन्दोलन था, जिसमें उत्तराखण्ड के प्रत्येक व्यक्ति ने अपना योगदान देकर इस आन्दोलन को सफल बनाया।
उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य आन्दोलनकारीओं की सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिये और कृषि को बढ़ावा देने के लिये सरकार को चकबन्दी को अनिवार्य रूप से लागू करना चाहिये।
इस अवसर पर डॉ० विनोद कुमार रावत ने भी आन्दोलन के अपने निजी अनुभवों को साझा किया साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड बनने का मूल कारण उसकी भौगौलिक परिस्थितियों थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा आन्दोलनकारियों के सपने को साकार करने के लिये उत्तराखण्ड की कृषि वानिकी पर्यटन को बढ़ावा देने चाहिये।
डॉ० आशुतोष जंगवाण ने सभी को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामना देते हुये कहा कि उत्तराखण्ड में शिक्षा-स्वास्थ्य एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं को बढाने से पलायन को रोका जा सकता है। डॉ० जंगवाण ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ाने पर बल दिया। डॉ० देवेन्द्र सिंह रावत ने आन्दोलन की पृष्ठभूमि को बताते हुये आन्दोलनकारियों के योगदान के विषय में जानकारी दी। श्री सरण सिंह चौहान ने भी इस अवसर पर सभी को शुभकामना देते हुये राज्य निर्माण के लिये सरकार के प्रयासों की सराहना की। श्री आशुतोष कुमार मिश्रा ने राज्य के विकास के लिये दूसरे जन आन्दोलन को महत्वपूर्ण माना जिसमें योग, आध्यात्म, पर्यटन एवं स्थानीय संसाधनों के उपयोग पर जोर दिया।
इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार ने शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये नमन किया। इस कार्यक्रम में सुश्री अनुपा फोनिया, डॉ० अंकिता बोरा, श्री नरेश लाला, सुश्री सौम्या कबटियाल, श्री गौरव नेगी, श्री अजय सिंह लिगंवाल, श्री विजय प्रकाश बागड़ी, श्री पवन कुमार, श्री चैन सिंह, श्री भुवनेश सिंह बिष्ट, श्री उत्तम सिंह एवं श्री दिनेश सिंह पुण्डीर आदि उपस्थित थे।