राफेल, राहुल और सबरीमाला पर फैसला
नई दिल्ली * ब्यूरो। 14 नवम्बर 2019
आज उच्चतम न्यायालय ने तीन अहम मामलों पर अपना फैसला सुनाया। पहले फैसले में सबरीमाला मंदिर मामले को बड़ी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया। दूसरे फैसले में राफेल मामले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। तीसरे मामले में राहुल गांधी की बिना शर्त माफी को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
राफेल पर क्या सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई गोगोई की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने गुरुवार को राफेल सौदा मामले पर फैसला सुना दिया। पीठ ने केंद्र सरकार को राहते देते हुए राफेल सौदे से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि इस मामले में अलग से जांच की जरूरत नहीं है।
बता दें 59,000 करोड़ की राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2018 को दिए अपने फैसले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे दी थी। हालांकि इस फैसले की समीक्षा के लिए अदालत में कई याचिकाएं दायर की गईं और 10 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
राहुल गांधी अवमानना मामले में फैसला
राफेल सौदे से जुड़े मामलों के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी की ओर से दर्ज कराए गए अवमानना मामले में भी फैसला आ गया। इसमें कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बिना शर्त माफी मांगने की अर्जी स्वीकार कर बड़ी राहत दी। साथ ही नसीहत भी दी कि नेता बयान देते वक्त सावधानी बरतें।
बता दें कि यह मामला राफेल सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चौकीदार चोर है का नारा देने से जुड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में इस बयान को गलत ठहराया था, तब राहुल गांधी ने कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगने की अर्जी दी थी।
सबरीमाला मंदिर मामले में फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारत के दक्षिण भारतीय राज्य केरल स्थित सबरीमाला अय्यपा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर अपना फैसला सुनाते हुए इसे सात जजों वाली बड़ी पीठ के समक्ष भेज दिया। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने अपने 28 सितंबर 2018 को सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश का अधिकार देने के फैसले को बरकरार रखा। यानि बड़ी पीठ इस मामले में जब तक सुनवाई करेगी तब तक यथास्थिति बनी रहेगी।