341 युवा सैन्य अधिकारी बने भारतीय सेना का हिस्सा, 37 उत्तराखंड से
बारिश के कारण दो घंटे देरी से शुरू हुई परेड, कोरोना के चलते सादगी से हुआ कार्यक्रम परिजन नहीं हो पाए शामिल
Garh Ninad Samachar
देहरादून। आईएमए पासिंग आउट परेड 2021, संपन्न होने के साथ ही भारत को 341 युवा जांबाज़ अधिकारी मिल गए हैं। सेना की पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। इस बार कोरोना के कारण कैडेट्स के परिजन इस पीओपी का हिस्सा नहीं बन पाए।
आईएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर बारिश के कारण परेड दो घंटे लेट शुरू हुई। ले. जनरल सिंह ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। मुकेश कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। जबकि दीपक सिंह को स्वर्ण, मुकेश कुमार को रजत व लवनीत सिंह को कांस्य पदक मिला। दक्ष कुमार पंत ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। किन्ले नोरबू सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर डोगराई कंपनी को मिला।
परेड के उपरांत आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले। इस बार भी देवभूमि उत्तराखंड के 37 युवा भारतीय सेना में अफसर बने हैं।
राज्यवार कैडेटों की संख्या इस प्रकार है-
राज्य – कैडेट
उत्तर प्रदेश – 66
हरियाणा – 38
उत्तराखंड – 37
पंजाब – 32
बिहार – 29
जम्मू कश्मीर- 18
दिल्ली – 18
महाराष्ट्र – 16
हिमाचल – 16
राजस्थान – 16
मध्य प्रदेश – 14
पश्चिम बंगाल- 10
केरल – 07
कर्नाटक – 07
झारखंड – 05
मणिपुर – 05
तेलंगाना – 02
गुजरात – 01
गोवा – 01
उड़ीसा – 01
तमिलनाडु – 01
आंध्र प्रदेश- 01
लद्दाख – 01
चंडीगढ़ – 01
असम – 01
मिजोरम – 01
इसके साथ ही भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 987 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है। इनमें मित्र देशों को मिले 2587 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
सुरक्षा व्यवस्था थी चाक चौबंद
पीओपी के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई थी। परेड को देखते हुए आईएमए के आसपास चप्पे-चप्पे पर सेना के जवान और बाहरी क्षेत्र में पुलिस तैनात की गयी थी। पासिंग आउट परेड के दौरान शनिवार सुबह छह बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन में रखा गया था। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर व बल्लूपुर से डायवर्ट किया गया था।