अब “मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार” के नाम से जाना जाएगा खेल रत्न पुरस्कार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम बदलकर उसे अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 6 अगस्त को इसकी घोषणा की है। अब तक इसका नाम राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार था जिसका नाम 30 साल के बाद बदल दिया गया है। भारत में खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि “देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे, जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव हासिल किया। यह सही है कि हमारे देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाएगा।”
पीएम ने एक और ट्वीट में कहा कि “ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं. विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।”
I have been getting many requests from citizens across India to name the Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand. I thank them for their views.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
Respecting their sentiment, the Khel Ratna Award will hereby be called the Major Dhyan Chand Khel Ratna Award!
Jai Hind! pic.twitter.com/zbStlMNHdq
1991-92 में हुई थी राजीव गांधी खेल रत्न की शुरुआत
आपको बता दें कि खेल रत्न की शुरुआत सरकार ने 1991-92 में की थी। पहला खेल रत्न पुरस्कार भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया था।
बता दें कि अब तक 45 लोगों को ये अवार्ड दिया जा चुका है। हाल में क्रिकेटर रोहित शर्मा, पैरालंपियन हाई जम्पर मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस प्लेयर मनिका बत्रा, रेसलर विनेश फोगाट को ये अवॉर्ड दिया गया है।
हॉकी में अब तक 3 खिलाड़ियों को खेल रत्न अवॉर्ड मिला है। इसमें धनराज पिल्ले सरदार सिंह और रानी रामपाल शामिल हैं। इसे जीतने वाले खिलाड़ी को प्रशस्ति पत्र, अवॉर्ड और 25 लाख रुपए की राशि दी जाती है।
मेजर ध्यानचंद ने 1928,1932 और 1936 ओलिंपिक्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था। ध्यानचंद ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी में 400 गोल दागे। 1928 में एम्सटर्डम ओलिंपिक में मेजर ध्यानचंद ने सबसे ज्यादा 14 गोल किए थे।तब एक स्थानीय अखबार ने लिखा, ‘यह हॉकी नहीं, जादू था और ध्यानचंद हैं। ’ तभी से उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाने लगा।