संत महात्मा भगवान के पोस्टमैन का रुप – रसिक महाराज
चंडीगढ़। सेक्टर 56 में आयोजित मासिक सत्संग कार्यक्रम में प्रवचन करते हुए बद्रीनाथ उतराखण्ड के सन्त स्वामी रसिक महाराज ने बताया कि भगवान ने सृष्टी की रचना करके मनुष्य को अपने जन्म को सार्थक करने का मौका दिया है। ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलता। कई पुण्यकर्मों के उदय के बाद मनुष्य जीवन प्राप्त होता है। हमें उसे सार्थक करने के लिए अच्छे कार्यों में लगाना चाहिए।
मनुष्य को अगर भगवान को पाने की इच्छा है तो उसे भगवान के पास आना पड़ता है। ईश्वर की भक्ति हृदय से करना पड़ती है, उनको हृदय से पुकारोंगे, चरणों में श्रद्धा से झुकोगे तो वे तुम्हारे रोम-रोम में बस जाएँगे। अतः भगवान की भक्ति आत्मानुभूति के साथ, उन्हें हृदय में बैठाकर उनके मार्ग पर चलना ही है।
मुनि-संत तो आपके बीच भगवान का पोस्टमैन बनकर आते हैं, जिस प्रकार पोस्टमैन किसी की लिखी हुई चिठ्ठी बिना उसमें कुछ लिखा-पढ़ी, अपनी तरफ से नहीं जोड़ता है, उसी प्रकार मुनि भी जो धर्मोपदेश आपको देते रहते हैं, वह धर्मग्रंथों में से ही लिए गए हैं। इस अवसर पर आयोजक अव्वल सिंह विष्ट, सुशीला देवी, पुष्पा जुन्तवान , अरुण सिंह, अर्चना , मकान सिंह, विमल उपाध्याय, साध्वी माँ देवेश्वरी एवं बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।