छत्तीसगढ़ के सीएम के पिता को कोर्ट ने 15 दिन के लिए क्यों भेजा जेल?

गढ़ निनाद ब्यूरो
छत्तीसगढ़। “मैं भारत के सभी गांव वालों से कहता हूं कि वो ब्राह्मणों को अपने गावों में नहीं घुसने दें। मैं सभी समाज में बात करूंगा और उनसे भी बायकॉट करने को कहूंगा…अब वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा। ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा (रूस की एक नदी) भेज देंगे, क्योंकि वो विदेशी हैं। जिस तरह से अंग्रेज आए और चले गए, उसी तरह से ये ब्राह्मण या तो सुधर जाएं या फिर गंगा से वोल्गा जाने को तैयार रहें।”
ये बात किसी ऐरे गैरे ने नहीं कही, बल्कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल ने कही। इस बयान के बाद 86 वर्षीय नंदकुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ रायपुर के डीडी नगर थाने में IPC की धारा 505 और 153ए के तहत FIR दर्ज की गई थी। उनके ऊपर ब्राह्मण समाज के खिलाफ उपरोक्त आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
पुलिस उन्हें रायपुर लेकर आई और मजिस्ट्रेट जनक कुमार हिडको की कोर्ट के सामने पेश किया। अदालत ने नंद कुमार बघेल को जमानत न देते हुए रिमांड पर 15 दिन की जुडिशल कस्टडी में भेजने के आदेश दिए। उनके वकील गजेंद्र सोनकर ने दावा किया कि नंद कुमार बघेल के कहने पर मैंने जमानत अर्जी दाखिल नहीं की थी। अब उन्हें 21 सितंबर को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बघेल को आगरा से गिरफ्तार किया है। टिप्पणी को लेकर 4 सितंबर को मुकदमा दर्ज किया गया था।
बता दें कि नंद कुमार बघेल की जिस टिप्पणी को लेकर विवाद हुआ, वह उन्होंने यूपी के लखनऊ में की थी। इस टिप्पणी से ब्राह्मण समाज में काफी नाराजगी थी । उन पर समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा और वैमनस्य की भावना पैदा करने और समाज में तनाव बढ़ाने का आरोप लगा है।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कानून से बड़ा कोई नहीं, चाहे वह मेरे ही पिता क्यों न हों। उन्होंने कहा कि…
“यह दुखद है। कहा था कि कोई ये न सोचे कि सीएम के पिता होने के कारण नंद कुमार बघेल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। सोशल मीडिया पर कही जा रही ऐसी बातों में सचाई नहीं है। उनका कहना था कि हमारी सरकार सभी को एक ही दृष्टि से देखती है। हमारे राजनीतिक विचार और मान्यताएं भी बिल्कुल अलग हैं। पिता से उनके शुरू से वैचारिक मतभेद रहे हैं, ये बात सभी को पता है। कहा कि एक पुत्र के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन एक सीएम के रूप में उनकी ऐसी किसी भी गलती को माफ नहीं किया जा सकता, जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली हो। कानून से ऊपर कोई नहीं है, फिर चाहे वो सीएम के पिता ही क्यों ना हों।”
बता दें कि बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई बार ऐसा हुआ कि जब भूपेश बघेल ने कोई बयान दिया, उसके बाद नंद कुमार बघेल ने मीडिया में विरोधी बयान दे दिया। कई बार तो सीएम को सफाई तक देनी पड़ी। 2018 में जब भूपेश बघेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। तब उन्होंने पिता नंद कुमार बघेल के खिलाफ सर्कुलर तक निकाल दिया था।
ब्राह्मणों को लेकर भी नंद कुमार बघेल का अलग नजरिया रहा है। दैनिक भास्कर के मुताबिक, 2001 में उन्होंने ‘ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो’ शीर्षक से किताब लिखी थी। इसे मनु स्मृति, वाल्मिकीय रामायण, रामचरित मानस और पेरियार की सच्ची रामायण आदि के नए नजरिए से व्याख्या बताया था। इस पर खूब बवाल हुआ था। तब की छत्तीसगढ़ सरकार को इस पर बैन लगाना पड़ा था।