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देवस्थानम बोर्ड: किसकी हार! किसकी जीत

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नई टिहरी। प्रदेश की जनता के हित के लिए बनाये गये देवस्थानम बोर्ड को उत्तराखंड सरकार ने अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री के फैसले को पलटते हुए भंग करने का ऐलान तो कर दिया है लेकिन इसके नफा नुकसान पर रुख स्पष्ठ नहीं किया है। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता को यह समझाना होगा कि इसके क्या नफा नुकसान थे।

आखिर भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत ने जनता एवं तीर्थ पुरोहितों के दूरगामी हित को देखते हुए इस बोर्ड का गठन किया था तब भी भाजपा नेतृत्व ने श्री त्रिवेंद्र रावत की पीठ थपथपाई थी। और आज भी जब युवा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने का ऐलान किया है तब भी उन्हें शाबाशी दी जा रही है। 

सत्ता पक्ष इस बात से खुश है कि इस फैसले से उन्हें तीर्थ पुरोहितों और हक हकूक धारियों का अपार जनसमर्थन मिलेगा। जिसका लाभ उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आज कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में आतिशबाजी और मिष्ठान वितरण करने जा रही है। अर्थात कांग्रेस इस फैसले को जहां सरकार की नाकामी मान रही है वहीं भाजपा अपनी जीत। 

” इस जीत हार के खेल के बीच आम जन पशोपेश में है कि देवस्थानम बोर्ड के भंग होने से उनका फायदा था या भंग होने से फायदा है। अब विधानसभा सत्र का इंतज़ार है जहां बोर्ड को भंग करने का विधेयक पेश किया जाएगा और उसके बाद पूर्व से संचालित चार धाम विकास परिषद और बद्री केदार मंदिर समिति को सरकार फिर से फिर से पुनर्जीवित कर दिए जाएंगे।”

क्या है मामला

बता दें कि चारों धामों के तीर्थ पुरोहित लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार जल्द उत्तराखंड के शीतकालीन सत्र में इस एक्ट को कैंसिल किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है।

तीर्थ पुरोहित महासभा अध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि वे सीएम पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि सीएम धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग किया, लेकिन हमें सत्र का इंतजार है। जिसमें इसे पूर्ण रूप से भंग किया जाएगा। 

आपको बता दें कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर फिर से विचार के लिए कैबिनेट मंत्रियों की हाई लेवल कमेटी गठित की गई थी जिसे तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देनी थी। समिति ने कल 29 नवंबर को सीएम को रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज 30 नवंबर को देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का ऐलान कर दिया।

अब आगामी विधानसभा सत्र में बोर्ड को भंग करने का विधेयक होगा पेश होगा तथा पूर्व से संचालित चार धाम विकास परिषद और बद्री केदार मंदिर समिति को सरकार फिर से फिर से पुनर्जीवित कर देगी। 

सरकार वापस लेगी चारधाम देवस्थानम एक्ट– कृष्णकांत कोटियाल

उधर चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत के अध्यक्ष श्री कृष्णकांत कोटियाल ने एक बयान जारी कर सभी तीर्थ पुरोहितों एवं हक हकूक धारियों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दीं हैं। 

अध्यक्ष श्री कृष्णकांत कोटियाल

कोटियाल ने कहा कि आप सब का यह संघर्ष और मेहनत रंग लाई है। उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय के लिए उनको भी बधाई व शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने उन सभी राजनीतिक दलों को जिन्होंने हमारे साथ संघर्ष किया, उनको भी बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं दीं हैं।


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Govind Pundir

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