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हरक तो हरक हैं कोर ग्रुप बैठक में न भी जाएं तो क्या फ र क है…

हरक तो हरक हैं कोर ग्रुप बैठक में न भी जाएं तो क्या फ र क है…
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देहरादून। अरे भाई हरक तो हरक हैं, कोर ग्रुप/ संसदीय बोर्ड बैठक में जाएं न जाएं क्या फ र क है। जी हां, आज भाजपा की देहरादून में संसदीय बोर्ड और कोर ग्रुप की बैठक हुई। लेकिन ह र क नदारद। दरअसल हरक सिंह रावत दिल्ली से आज ही देहरादून लौटे हैं।

डॉ हरक सिंह रावत ना तो कोर ग्रुप की बैठक में और ना ही संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल हुए । जिसके बाद तो सवाल और बवाल होना लाजमी है। मीडिया से छनकर रही खबर के अनुसार हरक सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होने की जानकारी नहीं दी गई और किसी नेता ने फोन किया। हालांकि पार्टी नेताओं के अनुसार हरक सिंह रावत को निमंत्रण भेजा गया था।

अब सवाल यह है कि क्या अभी भी डॉ हरक सिंह रावत की बीजेपी में दाल नहीं गल रही है। क्या बीजेपी और हरक सिंह रावत में फिर से कलहबाजी शुरू हो गई है। अभी कुछ दिन पहले केदारनाथ सीट से चुनाव लड़ने के मुद्दे पर वहां की पूर्व विधायक शैलारानी रावत और डॉ हरक सिंह रावत में रार हो गयी थी। क्या डॉ रावत केदारनाथ सीट से अपना टिकट पक्का करने को दिल्ली गए थे या कांग्रेस नेतृत्व से मिलने। हो सकता है कि किसी मुद्दे को लेकर हरक सिंह रावत बीजेपी आलाकमान से मिलने गए हों और आलाकमान ने कोई एश्योरेंस नहीं दिया हो और वह नाराज हों। ये कई अहम सवाल हैं जिनका जवाब जल्दी ही मिल जाएगा।

सूत्र बताते हैं कि हरक सिंह रावत की अभी भी कांग्रेस के बडे नेताओं के साथ बातचीत चल रही है । अगर कांग्रेस डॉ हरक सिंह और उनकी बहू को टिकट देने की हामी भरती है तो ऐसे में वह पाला बदल सकते हैं।


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Garhninad Desk

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