प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने भंग की नेशनल असेंबली, आम चुनाव का रास्ता

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के खिलाफ लाए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने खारिज कर दिया है। इसके लिए उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला दिया है। अब 90 दिनों के अंदर वहां चुनाव होने हैं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 5 के मुताबिक यदि नेशनल असेंबली में लाए प्रस्ताव की अवधि तय समय से अधिक हो जाती है तो उसको खारिज करने का विकल्प स्पीकर के पास होता है। हालांकि इसको लेकर पहले से ही अलग-अलग राय जाहिर की जा चुकी हैं। इस पूरे घटनाक्रम से विपक्ष बुरी तरह से तिलमिलाया हुआ है। इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। इसके बाद देश में एक बार फिर से चुनाव कराए जाएंगे।
स्पीकर के फैसले के बाद इमरान खान ने इस पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि वो देश की आवाम का धन्यवाद देते हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि ये अविश्वास प्रस्ताव विदेशी ताकतों की साजिश पर लाया गया था। पाकिस्तान की आवाम को तय करना चाहिए कि देश में कौन हुकूमत करेगा।
पाकिस्तान के साथ एक इतिफाक यह भी जुड़ा हुआ है कि वहां अब तक कोई भी प्रधानमंत्री अपने 5 साल जा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। अक्सर अप्रैल महीने में ही सरकारें गिरी हैं।
विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने एक वीडियो जारी कर प्रस्ताव खारिज होने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ” सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है, जो इन्होंने प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं होने दी। संयुक्त विपक्ष संसद से जाने वाला नहीं है। हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हम सभी संस्थाओं की सुरक्षा, रक्षा और पाकिस्तान के संविधान के लागू करने को लेकर आह्वान कर रहे हैं।”