ईद अजहा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया, मुल्क वा सूबे की तरक्की के लिए दुवा की गई
नई टिहरी। आज ईदुल-अजहा का त्यौहार बडे हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया,ठीक 8:30 बजे बौराड़ी ईदगाह में ईद की नमाज़ इमाम मौलाना मोहम्मद असजद ने अदा करवाई ।
इस अवसर पर मौलाना असजद ने कहा की हजरत इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल को बहुत प्यार करते थे. एक दिन हजरत इब्राहिम को ख्वाब आया कि अपनी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान कीजिए. ये अल्लाह का हुक्म था और हजरत इब्राहिम ने अपने प्यारे बेटे को कुर्बान करने का फैसला लिया।
हजरत इब्राहिम ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली और बेटे इस्माइल की गर्दन पर छुरी रख दी।लेकिन इस्माइल की जगह एक बकरा आ गया। जब हजरत इब्राहिम ने अपनी आंखों से पट्टी हटाई तो उनके बेटे इस्माइल सही-सलामत खड़े हुए थे। कहा जाता है कि ये महज एक इम्तेहान था और हजरत इब्राहिम अल्लाह के हुकुम पर अपनी वफादारी दिखाने के लिए बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। इस तरह जानवरों की कुर्बानी की यह परंपरा शुरू हुई। नमाज़ के बाद इमाम साहब ने मुल्क की तरक्की,अमनो सुकून की दुआ की,और कोरोना और उस जैसी तमाम बीमारीयो से मुल्क की ओर मुल्क के लोगो की हिफाज़त की दुआ की। नमाज़ के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव मुशर्रफ अली ने कहा कि अल्लाह का शुक्र है कि कोरोना जैसी वबा(बीमारी)से अल्लाह ने हमारे मुल्क की हिफाज़त फरमायी जिस वजह से हम सब मिलकर आज नमाज़ अदा कर रहे हैं,उन्होंने कहा की ईद उल अजहा का यह त्योहार सुन्नते इब्राहिम की पैरवी का त्योहार है
ईद भाई चारे व आपसी मेल का तयौहार है ईद के दिन लोग एक दूसरे के दिल में प्यार बढाने और नफरत को मिटाने के लिए एक दूसरे से गले मिलते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन एवम पुलिस प्रशासन का शुक्रिया अदा किया।
ईद की नमाज़ के लिए दूर दराज से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे,ईदगाह में मौजूद जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष रोशन बेग,मुनव्वर हसन,हाजी महमूद हसन, याकूब सिद्दीकी, शकील अहमद ,जामा मस्जिद फैज ए आम के सदर अब्दुल इरशाद, अब्दुल सलाम, अब्दुल वकार,मुश्ताक़ बेग,फरीद खान,असद आलम,सरताज अली,साजिद रहमान,मो प्रवेज,आदि सेकड़ो लोग मौजूद थे।