शिवपुराण कथा सुनने से पापों से मिलती है मुक्ति — नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज
जयहरीखाल। शिवसेवा समिति जयहरीखाल के सानिध्य में मेन बाजार के पंचायत प्रांगण में महारुद्राभिषेक व श्री शिव महापुराण कथा करवाई गई। इसमें चण्डीगढ़ से पहुंचे कथा वाचक नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने शिव महिमा का गुणगान किया।
उन्होंने कहा कि प्रभु की प्रत्येक लीला के पीछे कोई न कोई आध्यात्मिक रहस्य निहित है, इसीलिए प्रभु की लीलाओं को दिव्य क्रीड़ा कहा जाता है, जो तत्व से प्रभु को जान लेते हैं। उनका जीवन दिव्यता से भर जाता है। उन्होंने कहा कि आज हमने शिक्षा को जीवन का नहीं अपितु जीविका का एकमात्र साधन मान लिया है। शिक्षा का लक्ष्य तो इससे कहीं ज्यादा विराट है। सही अर्थो में शिक्षा तो वह है, जो विद्यार्थी का संपूर्ण विकास करती है। उन्होंने कहा कि आज का युवा पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव में इतना अधिक आ चुका है कि वह अपनी भारतीय संस्कृति को भूल चुका है। उन्होंने कहा कि शिव पुराण की कथा सुनने से जन्मों-जन्मों के पाप समाप्त हो जाते हैं। कथा के बाद शिवलिग का महारुद्राभिषेक किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बिलपत्र, फलों, दूध और जल से शिवलिग का अभिषेक किया। इस मौके पर राजीव धस्माना, चन्द्रभूषण मैंदोला, सुरेन्द्र गुसांई, महेश उनियाल, सतीश राणा विशेष रूप से उपस्थित हुए।