पिलखी अस्पताल के उच्चीकरण के लिए संघर्ष समिति का गठन
घनसाली से – लोकेन्द्र जोशी की रिपोर्ट
टिहरी गढ़वाल, 23 जुलाई: विकास खण्ड भिलंगना, टिहरी गढ़वाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी को विशेषज्ञ चिकित्सकों और आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से युक्त नहीं किया गया तो जनता व्यापक स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। इसी उद्देश्य से 23 जून को पिलखी स्थित शिव मंदिर में स्थानीय नागरिकों की एक बैठक आयोजित की गई और एक संघर्ष समिति का गठन किया गया। संघर्ष समिति के माध्यम से पिलखी अस्पताल के उच्चीकरण हेतु 24 जुलाई 2024 को उपजिलाधिकारी घनसाली के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा।
विकास खण्ड भिलंगना राज्य का सबसे बड़ा विकास खण्ड है, जो टिहरी बांध से प्रभावित होने के बावजूद यहां के सभी अस्पताल सुविधाओं के अभाव में मरीजों के रेफर सेंटर बने हुए हैं। बैठक में संघर्ष समिति के माध्यम से मांग की गई कि सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी को उच्चीकृत करे और भवन निर्माण होने तक व्यापक जनहित में अस्थाई रूप से विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित हर संभव सुविधाएं उपलब्ध करवाए। अन्यथा जनता संघर्ष समिति के माध्यम से आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होगी।
संघर्ष समिति के शिव प्रसाद सेमवाल को अध्यक्ष और एडवोकेट लोकेन्द्र जोशी को सचिव, पूर्व प्रधान हीरामणि बिजल्वाण, पूर्व प्रधानाचार्य बालकृष्ण नौटियाल और घनानंद गैरोला को संरक्षक मनोनीत किया गया है। पूर्व प्रमुख विजय गुनसोला को संयोजक, श्रीमती कृष्णा देवी को उपाध्यक्ष, अमरीश नौटियाल और जयप्रकाश कंसवाल को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। विशन सिंह कंडारी और मनोज थपलियाल को मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा एक दर्जन लोगों को इस समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। संघर्ष समिति में सभी निर्वाचित प्रतिनिधि आमंत्रित सदस्य होंगे, जिसमें घनसाली व्यापार मंडल सहित विकास खण्ड के सभी व्यापार मंडल अध्यक्ष समिति के स्थाई सदस्य रहेंगे।
स्थानीय शिव मंदिर परिसर में आयोजित संघर्ष समिति की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी को उच्चीकृत करने के लिए सभी स्तरों पर पैरवी की जाएगी। बैठक में मौजूद वक्ताओं ने इस बात पर आक्रोश जताया कि पर्याप्त भूमि और सभी मानक पूरे होने के बावजूद अस्पताल की उच्चीकरण की प्रक्रिया को जान-बूझकर लटकाया जा रहा है, जो खेदजनक है।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि अस्पताल के उच्चीकरण के लिए शासन और सरकार के स्तर पर हर संभव प्रयास किया जाएगा और यदि आंदोलन भी करना पड़ा तो संघर्ष समिति इससे पीछे नहीं हटेगी। सचिव लोकेन्द्र जोशी ने मांग की कि सरकार भूमि चयन और भूमि के हस्तांतरण के मानकों में मोटर मार्गों के निर्माण की भांति शिथिलता कर चिकित्सालयों और शिक्षण संस्थानों के निर्माण में भी राज्य भर के कास्तकारों को उचित प्रतिकार दिया जाना आवश्यक रूप से लागू करे।
बैठक में पूर्व प्रधान गीता राम नौटियाल, लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, रघुवीर रावत, मुरारी गैरोला, अजय तिवारी, जितेंद्र थपलियाल सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।