ब्रेकिंग न्यूज़: कोर्ट ने घातक दुर्घटना मामले में देवी प्रसाद चमोली की जमानत याचिका खारिज की
टिहरी गढ़वाल 23 अगस्त 2024। आज टिहरी गढ़वाल जिला एवं सत्र न्यायालय में न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता ने देवी प्रसाद चमोली की जमानत याचिका खारिज कर दी। चमोली, जो कि उत्तराखंड राज्य सरकार के एक महत्वपूर्ण अधिकारी (ए०डी०ओ०/प्रभारी वी०डी०ओ०, ब्लॉक जाखणीधार) हैं, पर आरोप है कि उन्होंने 24 जून 2024 को नई टिहरी के बौराड़ी क्षेत्र में शराब के नशे में लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए एक परिवार के चार सदस्यों को टक्कर मार दी। इस हादसे में वादी मुकदमा रविन्द्र सिंह नेगी की पत्नी रीना नेगी और उनकी दो भतीजियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी बेटी घायल हो गई।
अभियुक्त चमोली की ओर से दलील दी गई थी कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं और वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, जिनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उनके वकील ने यह भी तर्क दिया कि चमोली को जिलाधिकारी द्वारा उनके सराहनीय कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है, और उनकी न्यायिक हिरासत के चलते राजकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
वहीं, अभियोजन पक्ष ने इस जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, घटना के समय चमोली शराब के नशे में थे और उन्होंने जानबूझकर वादी के परिवार के सदस्यों को टक्कर मारी थी। अभियोजन ने यह भी बताया कि चमोली के वाहन से शराब की बोतल बरामद हुई थी और मेडिकल परीक्षण में उनके शराब पीने की पुष्टि हुई थी। इस हादसे में वादी की पत्नी और दो भतीजियों की मौत हो गई थी, जबकि उनकी बेटी घायल हो गई थी।
अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए और जांच की प्रगति को ध्यान में रखते हुए चमोली की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने यह भी पाया कि अभियुक्त के फरार होने या गवाहों पर प्रभाव डालने का भी खतरा हो सकता है।
अभियुक्त देवी प्रसाद चमोली 25 जून 2024 से न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें जमानत नहीं दी जाएगी। कोर्ट के इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि गंभीर अपराधों में कानून के सामने कोई भी व्यक्ति समान है, चाहे वह कितना ही प्रतिष्ठित क्यों न हो। यह निर्णय जन सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।