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गर्भावस्था में हेपेटाइटिस बी का टीका बेहद जरूरी: डॉ. सुजाता संजय

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  • हेपेटाइटिस है साइलेंट किलर, जागरूकता और जांच ही बचाव: डॉ. संजय

देहरादून, 28 जुलाई 2025। विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर सोसायटी फॉर हेल्थ एजुकेशन एंड वीमेन इंपावरमेंट अवेयरनेस द्वारा संजय ऑर्थोपेडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मुख्य वक्ता के रूप में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय ने बताया कि हेपेटाइटिस बी एक जानलेवा लेकिन रोके जाने योग्य बीमारी है, जिससे हर वर्ष दुनियाभर में लगभग 10 लाख लोग मृत्यु का शिकार हो जाते हैं।

डॉ. संजय ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान हेपेटाइटिस बी और सी का संक्रमण मां से शिशु में जा सकता है, जिससे नवजात की जान को खतरा हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को समय पर जांच और टीकाकरण कराना बेहद जरूरी है। हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए जन्म के 12 घंटे के भीतर नवजात को वैक्सीन और इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन देना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस के पांच प्रकार – A, B, C, D, E – होते हैं, जिनमें से B और C सबसे खतरनाक हैं। यह संक्रमित खून, दूषित सुइयों, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू या दांतों की असुरक्षित सफाई से फैल सकते हैं। पीलिया गर्भावस्था में विशेष रूप से खतरनाक होता है और हेपेटाइटिस का शुरुआती संकेत हो सकता है।

डॉ. संजय ने बताया कि हेपेटाइटिस को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसके 70-80% मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते। नियमित खून की जांच से ही इसका पता लगाया जा सकता है।

उन्होंने सुझाव दिया कि सही जीवनशैली, साफ-सफाई, सुरक्षित चिकित्सा प्रक्रियाएं और टीकाकरण से इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है। महिलाओं में इस विषय पर जागरूकता अत्यंत जरूरी है क्योंकि वे पूरे परिवार की सेहत की धुरी होती हैं।


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