ब्रिक्स बिजनेस फोरम में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
14 NOV 2019, Delhi
ब्रिक्स बिजनेस फोरम में प्रधानमंत्री मोदी में प्रधानमंत्री मोदी ने फोरम को सम्बोधितकरते कहा कि मुझे ब्रिक्स बिजनेस फोरम में शामिल होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। 11वें ब्रिक्स समिट कार्यक्रम की शुरूआत इस फोरम से हुई है। साथ ही उन्होंने बिज़नेस को प्राथमिकता देने के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति, फोरम के ऑर्गनाइजर्स और सभी उपस्थित लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि विश्व की आर्थिक वृद्धि में ब्रिक्स देशों का हिस्सा 50% है। विश्व में मंदी के बावजूद, ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी, करोड़ों लोगों को गरीबी से निकाला और टेक्नोलॉजी तथा इनोवेशन में नई सफलताएँ हासिल कीं।
गौरतलब है कि ब्रिक्स (BRICS-Brazil, Russia, India, China and South Africa) की स्थापना साल 2010 में हुई थी।
मोदी ने आशा की कि इंट्रा-ब्रिक्स बिज़नेस को आसान बनाने से परस्पर व्यापार और निवेश बढ़ेगा। आगे बताया कि ब्रिक्स के पांच देशों के बीच टैक्स और कस्टम प्रक्रियाएँ सरल होती जा रही हैं। इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टीराइट्स पर और बैंक्स के बीच सहयोग से बिज़नेस एनवाइरमेंट आसान हो रहा है। साथ ही उन्होंने ब्रिस्क बिज़नेस फोरम से अनुरोध किया कि इस प्रकार से उत्पन्न अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए ज़रूरी बिजनेस पहलों का अध्ययन करें। इंट्रा-ब्रिक्स व्यापार और निवेश के लक्ष्य और महत्वाकांक्षी होने चाहिए। साथ ही सदस्य देशों के बीच व्यापार की लागत को और कम करने के लिए आपके सुझाव उपयोगी होंगे।
मोदी ने कहा “मैं यह भी अनुरोध करना चाहूंगा कि अगले दस वर्षों के लिए हमारे बीच बिजनेस में प्राथमिकता के क्षेत्रों की पहचान की जाए और उनके आधार पर इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाए।” हमारा मार्किट साइज, विविधता और हमारी पूरकताएँ एक दूसरे के लिए बहुत फायदेमंद हैं। उदाहरण के लिए, अगर एक ब्रिक्स देश में टेक्नोलॉजी है, तो दूसरे में उससे संबंधित रॉ मैटेरियल या मार्केट। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, डिजिटल टेक्नोलॉजी, फर्टीलाइजर्स, कृषि उत्पाद, फ़ूड प्रोसेसिंग आदि में ऐसी संभावनाएं विशेष तौर पर हैं।
प्रधानमंत्री ने आग्रह किया कि फोरम पांचों देशों में इस प्रकार की पूरकताओं की मैपिंग करें। साथ ही सुझाव दिया कि अगले ब्रिक्स समिट तक ऐसे कम-से-कम पाँच क्षेत्रों की पहचान की जाये, जिनमें पूरकताओं के आधार पर हमारे बीच जॉइन्ट वेंचर्स बन सकते हैं। ब्रिक्स देश अपने लोगों के परिश्रम, प्रतिभा और रचनात्मकता के लिए सुप्रसिद्ध हैं। कल समिट के दौरान इनोवेशन ब्रिक्स नेटवर्क, और ब्रिक्स इंस्टिट्यूट फॉर फ्यूचर नेटवर्क जैसे महत्वपूर्ण पहल पर विचार किया जाएगा।
मोदी ने निजी क्षेत्र से अनुरोध किया कि वे मानव संसाधन पर केन्द्रित इन प्रयासों से जुड़ें। युवा उद्यमियों को इन पहलों से जोड़ना भी बिजनेस और इनोवेशन को और ताकत देगा। हमारे देशों के बीच टूरिज्म, बिज़नेस और रोजगार के लोगों के आवागमन से और आसान बनने की संभावनाएँ हैं। भारतीयों को वीजा फ्री एंट्री के निर्णय के लिए मैं ब्राजील के राष्ट्रपति को धन्यवाद देता हूं। हम पांच देशों को परस्पर सामाजिक सुरक्षा समझौता पर भी विचार करना चाहिए।
ब्यापार सरलता, लोजिस्टिक्स परफॉरमेंस और ग्लोबल इनोवेशन जैसे इंडेक्स में भारत की निरंतर प्रगति से आप परिचित होंगे। साथ ही मोदी ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारत में पोलिटिकल स्टेबिलिटी, प्रेडिक्टेबल पालिसी और बिज़नेसफ्रेंडली रिफॉर्म्स के कारण दुनिया की सबसे खुली और निवेश अनुकूल अर्थव्यवस्था है। यह भी मोदी जी ने कि सरकार 2024 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का लक्ष्य हैं। सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर में ही 1.5 ट्रिलियन डॉलर निवेश की आवश्यकता है।
मोदी ने ब्रिक्स देशों के बिज़नेस को आंमत्रित करते हुए कहा कि भारत में असीम संभावनाएं और अनगिनत अवसर हैं।