2200 करोड़ की दून रोपवे परियोजना की डीपीआर तैयार करने की तैयारी
रोपवे परियोजना पर करीब 2200 करोड़ व्यय होने का अनुमान। पांच माह में तैयार होगी डीपीआर
गढ़ निनाद समाचार
नई टिहरी/देहरादून, 24 दिसम्बर 2019
त्रिवेंद्र सरकार ने देहरादून में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने को सामान्य परिवहन प्रणाली के लिए करीब 2200 करोड़ की रोपवे की योजना बनाई है। सोमवार को नगर विकास मंत्री मदन कौशिक की मौजूदगी में उत्तराखंड मेट्रो परियोजना और दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के बीच रोपवे प्रणाली विकसित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। उत्तराखंड मेट्रो रेल कार्पोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के मध्य देहरादून शहर में स्थापित होने वाली रोपवे परियोजना की डीपीआर तैयार करने के लिए एमओयू किया गया।
लगभग 25 किमी. लंबा होगा रोपवे
दिल्ली मेट्रो रेल के निदेशक (बिज़नेस डवलपमेंट) एसडी शर्मा और उत्तराखंड मेट्रो रेल कार्पोरेशन के निदेशक बीके मिश्रा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। 20 से 25 किलोमीटर के बीच चलने वाली रोपवे परियोजना पर करीब 2200 करोड़ व्यय होने का अनुमान है। इस परियोजना की डीपीआर पांच माह के भीतर तैयार होगी।
इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को पहली किस्त के रूप में 43.30 लाख का चेक प्रदान किया गया।
देहरादून देश का पहला शहर होगा
सरकार का मानना है कि सामान्य परिवहन के लिए रोपवे प्रणाली अपनाने में देहरादून देश का पहला शहर होगा। इस रोपवे के बनने से लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। रोपवे के लिए देहरादून शहर में दो रूट चयनित किए गए। पहला रूट एफआरआई से घंटाकर होकर रिस्पना और दूसरा रूट आईएसबीटी से घंटाघर होकर कंडोली, मधुबन होटल तक रहेगा। एक रोपवे की परिवहन क्षमता लगभग 10 यात्रियों की होगी।
मैट्रो अलग अलग प्रणाली करेगा विकसित
उत्तराखंड में मेट्रो परियोजना के तहत सुविधा अनुसार देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलग-अलग प्रणालियों को विकसित किया जाएगा, जिसमें देहरादून में रोपवे प्रणाली, हरिद्वार में पीआरटी पेड टैक्सी प्रणाली और ऋषिकेश से नेपाली फार्म होकर देहरादून, हरिद्वार से नेपाली फार्म, ऋषिकेश के लिए एलआरटी लाइट मेट्रो प्रणाली स्थापित होगी।
पर्यटकों को मिलेगा लाभ
नगर विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि रोपवे प्रणाली सामान्य परिवहन के रूप में स्थापित होने के बाद देहरादून में पर्यटकों और आम लोगों को सुलभ परिवहन की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात पाने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान समय में भारत में कहीं भी स्थल पर रोपवे प्रणाली को सामान्य परिवहन के रूप में प्रयोग नहीं किया जा रहा है। देहरादून देश का पहला शहर होगा जहां इस प्रणाली को अपनाया जाएगा।