डोबरा-चांठी पुल: मार्च में आर-पार
विक्रम बिष्ट
चालू वित्त वर्ष प्रताप नगर क्षेत्र की जनता को मनमाफिक सौगात देकर जा रहा है। 14 बरस लग गए। टिहरी बांध की झील के ऊपर डोबरा चांटी पुल तैयार हो गया है। रामायण के 14 बरस याद कीजिए । प्रदेश सरकार के खाते में यह बड़ी उपलब्धि दर्ज होगी।
टिहरी बांध की झील ने प्रताप नगर को जनपद के अन्य क्षेत्रों से लगभग अलग-थलग कर दिया था। स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार परिपूर्णानंद पैन्यूली ने नवभारत टाइम्स में निर्माण के दौरान लिखा था, कि झील के आर-पार बेटी-रोटी के रिश्ते कट जाएंगे। प्रताप नगर की जनता को सुलभ भल्डियाना मोटर पुल और कण्डल पुल जलमग्न हो गए थे । सिमलासू के पास पुनर्वास वालों ने एक पुल बनाया था,उस पुल पर कलजुग के बांदर ने जाना मुनासिब नहीं समझा। किस-किस का बेड़ा पार हुआ। जांच का विषय हो नहीं सकता? बेचारा बदनसीब करोड़ी पुल शायद शर्म से झील में डूब गया। बहुत जोर देने पर पीपलडाली पुल बनाया गया। प्रताप नगर के लिए यह नाकाफी साबित हुआ है।
2006 में क्षेत्र भ्रमण पर आए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत ने डोबरा चांठी पुल का निर्माण कराने की घोषणा की थी। नदी तल से 850 मीटर ऊंचाई पर 360 मीटर स्पान के इस पुल की प्रारंभिक लागत 89 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 2008 में पुल की लंबाई 80 मीटर बढ़ाना तय हुआ। 2012 में चौरास पुल टूटने के बाद प्रदेश सरकार ने डोबरा चांठी पुल की डिज़ाइन का क्रॉस परीक्षण आईआईटी खड़गपुर से करवाया। बताया जाता है कि संस्थान ने पुल के डिज़ाइन को उपयुक्त नहीं माना। कुछ दिनों बाद ठेकेदार काम छोड़कर चला गया ।
अक्टूबर 2014 में कोरियाई कंसलटेंट यूसिन इंजीनियर्स को पुल की नई डिज़ाइन तैयार करने का काम दिया गया। कंपनी की सलाह पर नहीं डीपीआर बनी। समय के साथ-साथ पुल की लागत बढ़ती गयी। 23 अगस्त 2018 को पुल के चार सस्पैंडर टूट गये। लोगों की रही सही आस टूट गयी। सरकार, क्षेत्रीय विधायक विजय सिंह पंवार और लोक निर्माण विभाग ने आस नहीं छोड़ी। नये साकेट लगाकर सस्पैंडर जोड़े गए । 19 टन वजनी वाहन क्षमता के पुल पर पांच-पांच मीटर चौड़ी 88 प्लेट्स लगाई गई। विधायक पंवार कहते हैं कि प्रदेश सरकार ने पुल निर्माण को पूरा कराना अपनी वरीयता में शामिल किया था। मार्च में प्रताप नगर की जनता का यह सपना साकार हो जाएगा।
त्रिवेंद्र रावत सरकार टिहरी बांध क्षेत्र को वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाने के प्रयासों में जुटी हुई है। प्रदेश सरकार के 1200 करोड़ के प्रस्ताव को केंद्र सरकार से स्वीकृति दे दी है। पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण टिहरी बांध के साथ डोबरा-चांठी पुल एक उपलब्धि है। झील के आर-पार की जनता देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की सुविधा के साथ-साथ यह पर्यटन विकास में मील का पत्थर साबित होगा। कई प्रबुद्ध लोग चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आकर पुल के पहले यात्री बनेंगे तो दुनिया देखेगी और लोग आएंगे।
गद निनाद समाचार 31 जनवरी 2020
गजा/नई टिहरी: सचिव राजस्व परिषद देरादून के आदेशानुसार तहसील गजा मे प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना तथा किसान सम्मान निधि में पंजीकरण हेतु शिविर का आयोजन किया गया । शिविर में 58 किसानों का डाटा संशोधन किया गया। 15 नये किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया। 18-40 आयु वर्ग में किसान मान धन योजना में 60 वर्ष उपरांत पेंशन हेतु 6 किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया।
शिविर मे पंजीकरण के नोडल अधिकारी जिला उद्यान अधिकारी डा. डी . के . तिवारी व समन्वयक नायब तहसीलदार गजा महाबीर प्रसाद बसलियाल उपस्थित रहे।
उन्होंने शिविर मे आये लोगों को बताया कि किसान मान धन योजना मे 18 से 40 साल तक के किसानों के लिए प्रीमियम के तौर पर कुछ धनराशि जमा करके 60 साल के बाद पेंशन का प्राविधान है। कहा कि अलग अलग उम्र के किसान महिला व पुरुष के लिए प्रीमियम की धनराशि की किश्त अलग अलग है।
शिविर मे उद्यान रक्षा सचलदल गजा के प्रभारी पंकज पटवाल , सील बायोटेक कम्पनी के बृजेश चौहान , गीता रावत, अमित नेगी, आई डी भाष्कर कृषि सहायक गजा ने आवेदन करने वाले महिला पुरुषों के आवेदन भराने में सहयोग किया । प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद उनियाल , विनोद राणा राजस्व उप निरीक्षक गजा , पटवारी नैचोली , ओडाडा , चाका , पोखरी के अलावा तहसील गजा के लेखा कर्मचारी , सुरजीत सिंह प्रधान भाली , राजेन्द्र सजवाण प्रधान खाण्ड , परवीन पंवार सूचना सेवा केन्द्र गजा ने उपस्थित रह कर जनता को सहयोग दिया ।
इस शिविर मे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पंजीकरण भी किये गये तथा पूर्व मे जिनके आवेदनों मे त्रुटि रहने के कारण धनराशि नही आयी थी उनके आवेदनों के लिए आधार कार्ड व बैंक पास-बुक की छाया प्रति लेकर अपडेट किये गये । बीएसएनएल की नेट सेवा बाधित होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।