प्रदेश/राज्य सरकार हर मामले में फेल-जोत सिंह बिष्ट
गढ़ निनाद न्यूज़* 2 जून 2020
नई टिहरी: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए 25 मार्च से 31 मई तक 66 दिन के 4 लॉक डाउन के बाद भी देश में कोरोना का संक्रमण किसी तरह रुकता हुआ नजर नहीं आ रहा है। लॉकडाउन के शुरुआती दौर में भारतवर्ष दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले में 20वें स्थान पर था। जओ अब 7वें स्थान पर आ गया है।
श्री बिष्ट यहां जिला कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में उत्तराखंड की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री जिनका घर 20 मई को होम क्वारन्टीन कर दिया गया था वह लॉक डाउन का उलंघन कर 21 मई और 29 मई की मंत्रीमंडल की बैठक में सम्मिलित हुए। इन दोनों बैठकों में राज्य के मुख्यमंत्री पूरा मंत्रिमंडल राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह भी सम्मिलित हुए, लेकिन पूरे राज्य का तंत्र चलाने वाले इन वरिष्ठतम लोगों में से किसी एक के मोबाइल पर आरोग्य सेतु डाउनलोड नहीं था।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ मंत्री श्री सतपाल महाराज की धर्मपत्नी श्रीमती अमृता रावत जी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अगले दिन श्री सतपाल महाराज उनके परिजन और स्टाफ कुल मिलाकर 22 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, अस्पताल में भर्ती किए जाते हैं 24 घंटे के मंथन के बाद मुख्य मंत्री जी मंत्रिमंडल की बैठक में सम्मिलित मंत्रीगणों एवं नौकरशाहों के क्वारन्टीन करने का निर्णय लिया जाता है।
राज्य में इस स्थिति के कारण सरकार के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। संवैधानिक प्रश्न खड़ा होता है जिस पर कल मैंने सरकार की क्वारन्टीन रहने की अवधि तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। मेरे इस बयान से घबराकर सरकार ने फिर यू टर्न लिया और मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल मंत्रीगणों और नौकरशाहों को क्वारन्टीन के प्रतिबंध से मुक्त करने का आदेश जारी किया।
रात को सोशल मीडिया पर वायरल खबरों के अनुसार श्री सतपाल महाराज और उनके स्टाफ जो कोरोना संक्रमित के रूप में अस्पताल में भर्ती थे को डिस्चार्ज कर घर जाने की अनुमति दी जाती है। फिर वापस भर्ती कर लिया जाता है। यह कैसी सरकार है एक सामान्य प्रवासी नागरिक के बाहरी राज्य से घर आने पर जिसको की नियम कायदे कानून की जानकारी ना होने के कारण 307 के मुकदमे की प्रताड़ना से गुजरना पड़ रहा है लेकिन वहीं दूसरी तरफ स्वयं में सरकार गलती पर गलती कर रही है और जनता की जान को कोरोना के संक्रमण की चपेट में डाल रही है। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। नैतिकता के आधार पर सरकार को अभिलंब इस्तीफा देना चाहिए।
केंद्र सरकार के दो जनविरोधी फैसलों की मार गरीब जनता को झेलनी पड़ रही है। केंद्र सरकार ने श्रम कानून में बदलाव करके इस दौर में एक बार फिर देशभर के मजदूरों के अधिकारों का हनन किया है। ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार यह फैसला चुनिंदा उद्योगपतियों के दबाव में ले रही है। दूसरा जनविरोधी फैसला गैस सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी का है।
राज्य सरकार और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य तथा वरिष्ठ नौकरशाह स्वयं से आपदा प्रबंधन कानून जो इस समय पूरे देश में लागू है का पालन करते हुए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाय। पूरे मंत्रिमंडल की बैठक में सम्मिलित सभी लोगों को क्वारन्टीन किया जाए।
पत्रकार वार्ता में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश राणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विजय गुनसोला ,प्रदेश सचिव मुशर्रफ अली ,प्रदेश प्रवक्ता हिम्मत सिंह बिष्ट ,शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र नौटियाल पंकज रतूड़ी युवक कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष नवीन सेमवाल,वरिष्ठ नेता बिजल दास, नगर पालिका सभासद सतीश चमोली युवक कांग्रेस नेता अमित चमोली प्रधान बलवीर कोहली आदि उपस्थित थे।