1 जुलाई ‘ राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस’ पर विशेष
डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
चिकित्सक ईश्वर का प्रतिरुप
चिकित्सक ईश्वर का प्रतिरूप, उन्हें समझें धरती पर भूप।
यह प्राणियों को देते जीवन दान , करें सब जन उनका सम्मान।
अपनी कुछ परवाह न करते, लोगों के कष्टों को हरते।
जब बिगड़ता स्वास्थ्य किसी का, धर्म समझ दुख हरते उसी का।
समझते ये सबको हैं सम, रोगी में भरते रहते दम।
शिक्षा की आग में तप कर, बनते ये कुशल हैं डॉक्टर।
लाखों रुपए करके खर्च, प्राणियों के हित में किया रिसर्च।
पढ़ने को गए देश-विदेश, आगे बढ़ने को मारी रेस।
बड़े पुण्य का इनका काम, परोपकार रखा है हर पल थाम।
जब करते रोगी का सही इलाज, उस पर तब सबको होता नाज।
ये रोगी को समझें भगवान, चिकित्सा कर दे जीवनदान।
चिकित्सा में कभी भी लापरवाही, करे न चिकित्सक बहिन और भाई।
स्थापित करें चिकित्सक कल्याण कोष, बढ़े जिससे इनके अंदर जोश।
इन्हें पुरस्कृत करे शासन-प्रशासन, दे सहयोग इसमें हर जन।
शरीर होता रोगों का घर, जिनसे लड़ता रहता है नर।
पर कुशल चिकित्सक द्वारा, मिट जाता वह रोग है सारा।
करें चिकित्सकों को नमन, जो करते सारे रोगों का दमन।
चिकित्सालय बनायें उपकरणों से युक्त, जिनको ये कर सकें प्रयुक्त।
हर प्रकार की दें इनको सुविधा, रह न सके किसी प्रकार की दुविधा।
बढ़े समाज में इनका मान, हर नागरिक रखे इस बात का ध्यान।