बुधू
रेणी धाम में पसरी शोक और खौफ की चादर से निकल भगवान शिव के दर्शन के लिए भटक गया। अब रामराज में बुधू के खिलाफ एफआईआर मत दिखाना कि यह बवंडरी वामपंथी है। दरअसल जमीन से आसमान तक रामचरण ही रामचरण। बेचारे श्रीराम जी के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए चंदा जुटाने के लिए कितना पसीना बहा रहे हैं। बुधु सुध बुध खो बैठा। यह हमारा राष्ट्रीय धर्म है।
चुनाव के समय हम यही धर्म निभाते हैं, हां थोड़ा थोड़ा जाति बिरादरी,,। यह सब तो चलता रहता है। इन रामभक्तो को मिशन 2022 की शुभकामनाएं देते हुए बुधू अपनी राह लौट आ गया।
इधर बाबा ठगदेव का विशाल तंबू मन को बहका रहा है । मधुर संगीत स्वर्ग लोक का आनंद ले रहा है। आप भी आनंद लीजिए,,,एक आंख मारूं तो कलेजा फट जाए, दूजी आंख मारूं तो कलेजा सिल जाए। टंगड़ी हिलाऊं तो कोरोना भाग जाए,कमर मटकाऊं तो,,,यह राजयोग, मेरे महाभारत वासियों आप महान हो। 2022 के चुनाव, मतदाता जी चीज बड़ी है मस्त मस्त।