उत्तराखंड आंदोलन……21 “थाने में गाने और पुलिस”
विक्रम बिष्ट
गढ़ निनाद समाचार।
नई टिहरी, 26 मार्च 2021। थाने में नारेबाजी के चलते संतरी से साथियों की नोकझोंक हो गयी। हम लोगों को मनोरंजन कक्ष में बिठाया गया। हिरासत में लिए गए लोगों में बुजुर्ग प्रेम सिंह भंडारी भी थे। हमारे साथियों ने कहा चक्का जाम और सड़क सुबह से धरने पर होने के कारण पानी तक नहीं पिया। चाय नाश्ता तो दूर।
उपनिरीक्षक सिधौला बोले पानी भी मिलेगा और चाय भी। उन्होंने एक सिफाई भेज दिया। इस बीच उन्होंने कक्ष के पीछे एक दरवाजे की चटकनी खोलते हुए कहा तुम लोग राजनीतिक बंदी हो। यहां देख लो दरवाजा खुला है, तुम लोग भागना मत। थोड़ी देर में पानी चाय और बेकरी के समोसे आ गए। हम समझ चुके थे कि पुलिस हमसे पिंड छुड़ाने के मूड में है।
फिर बरामदे से आवाज आई तुम लोग अपने अपने नाम बताओ। मुकदमा दर्ज करना है। आवाज जानी पहचानी थी, वरिष्ठ उपनिरीक्षक! मैंने कहा विक्रम बिष्ट। कहा और पता.. मुंबई ? फिर विक्रम नेगी, सुरेंद्र रावत, परेंद्र सकलानी, लोकेंद्र जोशी– दिल्ली, चंडीगढ़।
काफी समय बीत गया, थाना परिसर में कोई मानवीय हलचल नहीं। बाहर आकर देखा तो हवालात का संतरी भी नहीं।
फिर दिवाकर भट्ट के एक सहयोगी आये बोले भट्ट जी लेने आए हैं। हम बाहर आए, तो दिवाकर भट्ट जी ने कहा कि पुलिस वालों ने कहा कि आपके पार्टी के लड़के थाने में जाकर बैठे हैं। जिद्द कर रहे हैं कि जब भट्ट जी आएंगे उनके साथ ही जाएंगे।
सांय पत्रकार गोविन्द पुण्डीर से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि हम (गणेश पैन्यूली भी साथ थे) आये थे। लेकिन गेट पर इंचार्ज ने बताया कि हमने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। यह खुद यहां आए हैं। मनोरंजन कक्ष में गाने गा रहे हैं।..जारी।