तबादला सत्र शून्य घोषित करने के फैसले का किया विरोध
नई टिहरी, 24 मई 2021। गढ़ निनाद ब्यूरो।उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार के तबादला सत्र शून्य घोषित करने के फैसले का विरोध किया है। जिला अध्यक्ष चंद्रवीर नेगी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह वर्षों से दुर्गम में सेवा दे रहे शिक्षकों के साथ अन्याय है।
उन्होंने कहा कि जहां फरवरी 2021 से स्थानान्तरण प्रक्रिया चल रही थी और माना जा रहा था कि स्थिति सामान्य होती ही 10 प्रतिशत तबादले होंगे। मगर, अंतिम चरण में सरकार ने तबादला सत्र को शून्य घोषित कर दिया।
जिला अध्यक्ष चंद्रवीर नेगी ने बताया कि पहले तो मात्र 10 प्रतिशत कार्मिक, शिक्षकों के स्थानांतरण का ही प्रावधान किया गया है उस पर भी पिछले कई स्थानान्तरण सत्र में क्रियान्वयन नहीं किया गया। इससे दशकों से दुर्गम, अति दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों के साथ नाइंसाफी है । पहले कार्मिकों से आवेदन मांगे गए, कोविड 19 की वर्तमान में यद्यपि जटिल समस्याएं हैं किन्तु सकारात्मक रूप में इनका क्रियान्वयन सामान्य परिस्थिति आने पर तो हो सकता था।
दूसरी ओर, अधिनियम के धारा- 27 के नाम पर विगत वर्षों से चल रहे स्थानान्तरण जगजाहिर हैं। आम कार्मिक ,शिक्षक को स्थानान्तरण अधिनियम के नाम पर भी न्याय नहीं है।
संगठन द्वारा शीर्ष स्तर पर निरंतर मांग की जाती रही है कि पदोन्नति स्थानान्तरण में काउंसलिंग की अनिवार्यता हो, रिक्त पदों के सापेक्ष स्थानान्तरण,विद्यालयों के वास्तविक परिस्थितिजन्य कोटिकरण, गंभीर बीमारी के यथोचित प्रावधान हों। महिला कर्मी को 50 वर्ष एवं पुरुष वर्ग को 52 वर्ष में अनिवार्य स्थानान्तरण से छूट, जनपदीय सेवा काडर की स्थिति में एक निश्चित सेवा अवधि में सम्बन्धित शिक्षकों को अपने गृह जनपद में स्थानांतरण अवसर प्रदान किया जाना, मैदानी जनपद जहां सम्पूर्ण सुगम होने की स्थिति में प्रथम नियुक्ति /पदोन्नति में दुर्गम की शर्तों का पालन कैसे निर्धारित हो आदि महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार या शासन द्वारा कभी गंभीरता पूर्वक विचार ही नहीं गया ।
शिक्षक एवं कार्मिकों ने विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितिजन्य राज्य में पारदर्शी एवं निष्पक्ष स्थानान्तरणो हेतु अधिनियम ,एक्ट की भरपूर पैरवी की थी उसके बाद भी आम शिक्षक आज भी स्थानान्तरण से महरूम है। सरकार इस पर पुनर्विचार करें ।
इस अवसर पर जिला मंत्री प्रीतम भरतवाण, जिला कोषाध्यक्ष अजय चमोली, ब्लॉक संगठन से विजेंद्र पंवार, मंत्री रोशन लाल,विक्रम सजवान, भिलंगना से महावीर धनियाल, मनमोहन नौटियाल, सुंदर पंवार, बलदीप, खेमकरण आनंद, अजय पाल राणा, विजेंद्र पवार के.के. नौटियाल, मनीष राजपूत, बलवीर चौहान, अजयबीर रमोला, ओमप्रकाश डबराल, मनोज थपलियाल, सुरेंद्र नेगी, जगदंबा कंडारी, नरेंद्र पंवार, मीना भंडारी,तेजपाल नेगी, रविंद्र खाती, विजयपाल सजवाण, मनोज कंडवाल आदि ने सरकार द्वारा स्थानांतरण सत्र शून्य होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।