पर्यावरणविद बहुगुणा का अस्थि कलश सिल्यारा पहुंचते ही गमगीन हुआ माहौल,
अस्थि कलश के दर्शन कर दी श्रद्धांजलि, कल देवप्रयाग संगम में विसर्जित होगा अस्थि कलश
घनसाली, 24 मई 2021। लोकेंद्र जोशी।
पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का अस्थि कलश सोमवार को बहुगुणा की कर्मस्थली सिल्यारा आश्रम पहुंचते ही वहां मौजूद लोगों की आंखें छलक पड़ी। अस्थि कलश के दर्शन कर लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उनकी स्मृति में पौधे भी रोपे गए। गीता पाठ भी किया गया। कल मंगलवार को अस्थि कलश को देवप्रयाग संगम से गंगा में प्रवाहित किया जाएगा।
सोमवार को हिमालय बचाओ आंदोलन के समीर रतूड़ी पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा की अस्थि कलश लेकर सिल्यारा आश्रम पहुंचे। आपको बताते चलें कि प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के द्वारा सिलयारा में ही “नवजीवन मंडल आश्रम” की स्थापना की गई थी। पर्यावरण के क्षेत्र में बहुगुणा ने कई कार्य किए, लेकिन भिलंगना की बालगंगा घाटी के लिए उनका योगदान अतुलनीय रहा है।
समीर रतूड़ी ने बताया कि शराबबंदी आंदोलन हो या फिर छुआछूत, महिला शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को युगों तक याद किया जाता रहेगा।
स्व. बहुगुणा ने बालिका एवं महिलाओं की शिक्षा हेतु सिल्यारा में विद्यालय की स्थापना की थी। क्षेत्र के तत्कालीन युवा श्री वाचस्पति मैठाणी ने उनके सानिध्य में बाल गंगा इंटर कॉलेज की स्थापना की जिसके बहुगुणा जी संस्थापक गुरु रहे। इसके साथ ही उनके द्वारा वर्तमान बालगंगा स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंदुल केमर की स्थापना की गई जिसकी अध्यक्ष बहुगुणा जी की पत्नी श्रीमती विमला बहुगुणा कई वर्षों तक रही।
बहुगुणा जी की प्रेरणा से ही श्री वाचस्पति मैठाणी के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बहुत उच्च स्तर पर कार्य किया गया। उनके कार्यों की अनुशंसा में उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने जीवन के अंतिम समय में भी उनके द्वारा बालिका संस्कृत महाविद्यालय सेंदुल केमर की भी स्थापना की गई।
वर्ष 1989 में टिहरी बांध के खिलाफ आंदोलन चलाने के पश्चात बहुगुणा जी का आश्रम में आना जाना नहीं रहा। लेकिन बाल गंगा घाटी और सिल्यारा गांव से उनका आजीवन गहरा नाता रहा। आज भी नवजीवन मंडल आश्रम के अलावा कई यादें उनसे जुड़ी हुई है।
अस्थि कलश कार्यक्रम में समीर रतूड़ी, दिनेश लाल भजनियाल, प्रधान सिल्यारा श्रीमती सुमित्रा देवी, सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह कैंतुरा, श्री उमेद सिंह चौहान, रोशन लाल जोशी, प्रधान करण गांव श्री अरुणोदय सिंह, प्रधान कंडारस्यूं बासर, श्री वीरेंद्र लाल, आदि कई लोग उपस्थित रहे। अस्थि कलश कार्यक्रम की पूर्व से स्पष्ट जानकारी ना होने के कारण लोगों में खासी निराशा रही।