Ad Image

एक रहस्यमयी गुफा: जहां ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विराजमान भोलेनाथ देते हैं संतान सुख का वरदान

एक रहस्यमयी गुफा: जहां ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विराजमान भोलेनाथ देते हैं संतान सुख का वरदान
Please click to share News

प्रकृति की ” शिव-शक्ति ” की सहज चित्रकारी है बौंठ- नागेश्वर गुफा

गोविन्द पुंडीर*

नई टिहरी। प्रकृति की ” शिव-शक्ति ” की सहज चित्रकारी है बौंठ- नागेश्वर गुफा, जहां भोलेनाथ ज्योर्तिलिंग एवं पुरुष लिंग रूप में दर्शन देकर नि:संतानों को संतान सुख और निर्धनों को धन का वरदान देते हैं

छह साल पहले लोगों की नजरों से दूर, यह गुफा अब श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना से गुंजायमान है। देवप्रयाग-हिंडोला खाल-नई टिहरी मोटर मार्ग पर 6 साल पहले जब बुल्डोजर द्वारा रोड़ की बैक कटिंग की जा रही थी तो एक रहस्यमयी गुफा दिखाई दी। 

बताते हैं गुफा में शिव ज्योतिर्लिंग, चट्टान पर सहस्त्र शेषनाग की मूर्ति , गणेश भगवान के प्राकृतिक चित्र आदि दिखाई दिए तो निर्माण कार्य रोक दिया गया। जैसे-जैसे यह सूचना आम हुई , लोग उत्सुकतावश आने लगे और इसे भोलेनाथ का चमत्कार मानने लगे। गुफा में प्राकृतिक दो-दो शिवलिंग, स्वयंभू गणेश, विशाल सहस्त्र फ़नधारी नाग एवं अन्य कृतियों से अभिभूत श्रद्धालुओं ने इसको एक शिव धाम मान लिया।

इसकी ख्याति सुनकर व्यास आश्रम से एक साधू बच्चा बाबा जो सोहनगिरी महाराज के चेले हैं, दर्शनार्थ यहां पहुंचे। ऐसी चमत्कारी रहस्यमयी गुफा की उस समय देखरेख करने वाला कोई न होने के कारण बच्चा बाबा ने स्वंय इस रहस्यमयी गुफा की देखरेख करनी शुरू की। उन्होंने ही इस गुफा का नाम ” बौंठ नागेश्वर कुदरत महादेव” रहस्यमयी गुफा नाम दिया।

बौंठ नागेश्वर कुदरत महादेव रहस्यमयी गुफा देवप्रयाग से 7 किलोमीटर दूर हिंडोला खाल- चंद्रबदनी- नई टिहरी मोटर मार्ग पर महड गांव के राजकीय इंटर कॉलेज के निकट सन 2016 में तब चर्चा में आयी जब इस मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य एक ठेकेदार द्वारा किया जा रहा था। बता दें कि जब पहाड़ कटान का कार्य चल रहा था, तो एक रहस्यमई गुफा दिखायी दी। गुफा के अंदर दो-दो शिवलिंग, गणेश भगवान की मूर्ति, सहस्त्र फन वाले शेषनाग आदि विराजमान  हैं।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम।  उर्वारुकमिव बन्धनात मृत्युर्मुक्षीय मामृतात। 

  • इसके बाद श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया, सोशल मीडिया में खूब चर्चा हुई। प्रशासन भी मौके पर पहुंचा, मौका मुआयना किया। सड़क निर्माण कार्य रुकवा दिया।  

बच्चा बाबा कहते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा अद्भुत नजारा कहीं नहीं देखा। गुफा के अंदर विराजमान शिव दो-दो शिवलिंग, गणेश की मूर्ति, सहस्त्र फन वाले शेषनाग, आदि-आदि देखकर वह पूजा अर्चना में लग गए। उन्हें आज 5 साल हो गए हैं। इससे पहले वह ब्यास आश्रम में 15-16 वर्षो से अपने गुरुजी सोहनगिरी महराज की सेवा में रहे। लेकिन जब यहां आए तो नियमित रूप से अब यहीं रहने लग गए हैं। उन्होंने अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि बनवा दिया है। 

बच्चा बाबा ने गढ़ निनाद से कहा की गुफा के अंदर एक एक अदृश्य सुरंग है, जो सैकडों फ़ीट नीचे अलकनंदा नदी के किनारे दिखाई देती है। शिवलिंग पर जितना भी जल चढ़ाएं उसका पता नहीं चलता है। बाबा ने बताया कि गुफा के रहस्यमयी होने के कारण उन्होंने इस गुफा का नाम ” बौंठ नागेश्वर कुदरत महादेव रहस्यमयी गुफा “ नाम दिया है। यह गुफा विकास खंड देवप्रयाग के अंतर्गत मूल्यागांव की आखिरी सीमा और महड गांव के राजकीय इंटर कॉलेज के ठीक सामने है।

अब तक श्रद्धालुओं ने स्वयं अपने पैसे (लगभग 12-14 लाख) से मंदिर का निर्माण करवाया है जो अभी जारी है। निर्माण कार्य के लिए श्रद्धालु स्वंय खुलकर सामने आ रहे है। 

बाबा बताते हैं कि इस रहस्यमयी गुफा के दर्शन मात्र से लोगों का कल्याण संभव है। सबसे बड़ी बात यह है गुफा में दो शिवलिंग एक पुरुष लिंग रूप में और दूसरा ज्योतिर्लिंग रूप में मौजूद हैं, जिनके दर्शन मात्र से भोलेनाथ श्रद्धालुओं को संतान प्राप्ति का वरदान भी देते हैं, जो बहुत बड़ी बात है। संतान का सुख देने वाले भोलेनाथ यहां मनुष्य लिंग एवं ज्योतिर्लिंग दोनों रूप में मौजूद है, जो मैंने अन्य जगह कहीं नहीं देखें हैं। भगवान की कुदरती मूर्ति स्वयं विराजमान है । साथ में ही सहस्त्र फनों वाले शेषनाग विराजमान है। लगता है कि उन्होंने सारी पृथ्वी अपने फन के ऊपर उठा रही है।

एक खास बात है कि सावन में गुफा के अंदर ज्योतिर्लिंग पर उसके ठीक ऊपर से गाय के थन जैसी आकृति से लगातार जल टपकता रहता है। लगता है मां गंगा स्वंय जलाभिषेक कर रही हों। जो भी सज्जन  श्रद्धापूर्वक कुदरत महादेव रहस्यमयी गुफा के दर्शन करते हैं, गंगा जल,दूध, केला, फल आदि समर्पित करते हैं उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।

बाबा ने कहा कि सोमवार और चतुर्दशी का दिन शिव जी का पर्व माना जाता है, इस दिन शंकर भगवान के शिवलिंग पर बेलपत्र, गंगाजल, गाय का दूध आदि चढ़ाने से संतान प्राप्ति होती है और धन प्राप्त होता है। 

इस प्राकृतिक गुफा को सजाने व संवारने के लिए शासन-प्रशासन को आगे आना चाहिए ताकि यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सके। 


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories