पेंशन कोई दया नहीं, कार्मिकों का अधिकार है- केशव गैरोला
घनसाली से लोकेंद्र जोशी। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भिलंगना ब्लॉक में राजस्व कर्मियों ने काला फीता बाँधकर विरोध जताया तथा पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। उत्तराखंड में एक अक्टूबर 2005 से उत्तराखंड के कर्मचारियों पर न्यू पेंशन स्कीम थोप दी गई, जबकि एक जनवरी 2004 से पूर्व के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है, उसके पश्चात के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से वंचित किया गया है, जिसका कार्मिकों द्वारा विरोध किया गया।
उत्तराखंड कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री केशव गैरोला ने कहा कि कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिए संघर्षरत है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी स्पष्ट किया गया है कि पेंशन सरकार की दया नहीं, कार्मिकों का हक है, जो सेवानिवृत्ति के उपरान्त कार्मिकों के उचित जीवन यापन के लिए आवश्यक है। पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर चल रहे आंदोलन को समस्त संगठनों, जनप्रतिनिधियों तथा वरिष्ठ नागरिकों द्वारा अपना समर्थन प्रदान किया गया है।
आज पुरानी पेंशन बहाली को लेकर उत्तराखंड के समस्त कर्मचारी काला फीटा बाँधकर न्यू पेंशन का विरोध कर पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी वेतन से कटा हुआ पैसा जो उन्हें पेंशन के रूप में प्राप्त होना था, उसे सरकार द्वारा बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के माध्यम से शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है। रिटायरमेंट के समय संबंधित कार्मिक को उनके वेतन से की गई कटौती से संचित धनराशि के बराबर भी उन्हें धनराशि नहीं मिल रही है, जो कर्मचारियों के साथ धोखा है।
ब्लाक भिलंगना में पुरानी पेंशन बहाली के लिए काला फीता बाँध कर विरोध करने वालों में श्री हितराम मंमगाई, राजस्व उप निरीक्षक, रणवीर सिंह रावत, दर्शन लाल सेमवाल, किशोरी लाल, सुदामा राम सहित अन्य राजस्व कार्मिक सम्मिलित रहे।