पर्यटन और नवाचार पर IPR जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (NIPAM) के अंतर्गत पेटेंट कार्यालय, दिल्ली के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. अनीता तोमर, निदेशक उद्यमिता एवं परिनवाचार केन्द्र और विज्ञान संकाय के डीन प्रो. एस. पी. सती ने किया। मुख्य वक्ता श्री यासिर अब्बास जैदी (NIPAM अधिकारी एवं पेटेंट परीक्षक, दिल्ली) ने पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और डिजाइन से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।
समापन सत्र में कुलपति प्रो. एन. के. जोशी ने कहा कि पर्यटन का भविष्य केवल प्राकृतिक आकर्षणों पर नहीं, बल्कि सतत विकास, प्रामाणिकता और सामाजिक जिम्मेदारी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि “सतत पर्यटन ही सुरक्षित भविष्य की कुंजी है और IPR विचारों को वैश्विक पहचान दिलाने की शक्ति है।”
प्रो. अनीता तोमर ने बताया कि पर्यटन में स्थानीय हस्तशिल्प, विशिष्ट ब्रांडिंग और भौगोलिक संकेतक (GI) का महत्व बढ़ रहा है। कैम्पस निदेशक प्रो. एम. एस. रावत ने इसे विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण पहल बताया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. ए. पी. दुबे ने किया और डॉ. शालिनी रावत ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कुल 103 प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की, जिनमें विज्ञान संकाय के डीन प्रो. एस. पी. सती, प्रो. कंचन लता सिन्हा, प्रो. नीता जोशी और डॉ. सीमा जैसी प्रतिष्ठित हस्तियाँ शामिल रहीं।



