गोलेन्द्र पटेल को रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार-2022
वाराणसी। बीएचयू ‘हिंदी विभाग’ के शोध छात्र रहे युवा कवि रविशंकर उपाध्याय की स्मृति में प्रतिवर्ष दिया जाने वाला ‘रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार :2022 , खजूर गांव, चंदौली,उत्तर प्रदेश के रहने वाले युवा कवि गोलेन्द्र पटेल को दिया जायेगा।
5 अगस्त 1999 को जन्मे गोलेन्द्र पटेल वर्तमान में बीएचयू के हिंदी विभाग के बीए के छात्र हैं। वे साहित्यिक रुचि रखने वाले सचेत रचनाकार हैं तथा वे वर्तमान युवा कविता के उभरते हुए एक संभावनाशील युवा कवि हैं। उनकी काव्य रुचि और रचनात्मकता को ध्यान में रखते हुए इस समिति के निर्णायक मण्डल ने उन्हें इस वर्ष के पुरस्कार के लिए चुना है।
रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान,वाराणसी के सचिव बंशीधर उपाध्याय ने बताया कि इस पुरस्कार का निर्णय महत्वपूर्ण कवि मदन कश्यप (दिल्ली),प्रतिष्ठित आलोचक अरुण होता (कोलकाता),प्रसिद्ध कवि अरुण कमल (पटना),चर्चित कथाकार अखिलेश(लखनऊ) और महत्वपूर्ण कवि श्रीप्रकाश शुक्ल(वाराणसी) की समिति ने सर्वसम्मति से किया है। यह पुरस्कार 12 जनवरी 2022 को रविशंकर उपाध्याय के जन्मदिन पर बनारस में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया जायेगा।
निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में गोलेन्द्र पटेल के नाम की अनुशंसा करते हुए महत्वपूर्ण कवि श्रीप्रकाश शुक्ल ने लिखा है कि -‘युवतर पीढ़ी के कवियों में गोलेन्द्र पटेल एक समर्थ व ऊर्जावान कवि के रूप में अपनी कविताओं से चकित करते हैं जिनके यहाँ एक असहाय आदमी का दुःख तो है लेकिन इस दुःख पर विजय की आकांक्षा भी है। उनकी कविताओं की भावभूमि व भाषा हिंदी कविता में धूमिल की याद दिलाती है ।कह सकते हैं कि निराशा में निराकरण के कवि के रूप में लक्षित किये जाने योग्य गोलेन्द्र हिंदी कविता के शानदार भविष्य हैं जिनके यहां संवेदना का विस्तार और अभिव्यक्ति का संघर्ष चकित करता है।’
ध्यातव्य है कि प्रतिभाशाली युवा कवि रविशंकर उपाध्याय का 19 मई 2014 को बी.एच.यू. के अस्पताल में तीस वर्ष की अवस्था में ही ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया था । वे छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे और बी.एच.यू. में ‘युवा कवि संगम’ जैसे आयोजन के संस्थापकों में थे। उनका पहला कविता संग्रह “उम्मीद अब भी बाकी है” नाम से उनकी मृत्यु के बाद वर्ष 2015 प्रकाशित हुआ था।
उनकी स्मृति में पहला पुरस्कार वर्ष 2015 में रांची की युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा को ,दूसरा पुरस्कार वर्ष 2016 में बलिया के अमृत सागर को,तीसरा पुरस्कार वर्ष 2017 में दिल्ली के निखिल आनंद गिरि को , चौथा पुरस्कार वर्ष 2018 में बलिया के अदनान कफ़ील दरवेश को, पांचवा पुरस्कार वर्ष 2019 में सीतापुर के शैलेन्द्र कुमार शुक्ल को, छठा पुरस्कार वर्ष 2020 में संदीप तिवारी को तथा सातवां पुरस्कार वर्ष 2021 में दिल्ली के गौरव भारती को दिया जा चुका है।