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जल संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन

जल संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन
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ऋषिकेश  । पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित नेहरू युवा केंद्र देहरादून एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन परिसर ऋषिकेश के संयुक्त तत्वाधान में जल जागरण अभियान के अंतर्गत युवाओं का प्रशिक्षण पर कार्यशाला आयोजित की गई।

कार्यशाला अध्यक्षता विज्ञान संकाय अध्यक्ष एवं प्राचार्य प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा की गई। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए प्रोफेसर ढींगरा ने स्वयंसेवीयो को अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि जल ही जीवन है। जीवन को बचाने के लिए जल को बचाने का कड़ा संकल्प लेना चाहिए। यह आने वाला समय अब जल क्रांति का है। जल क्रांति को एक जन क्रांति बनाना पड़ेगा, तभी आने वाली पीढि़यां सुरक्षित रह पाएंगी। जब तक युवा समाज का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक जल संरक्षण अभियान सफल नहीं होगा। समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम करके लोगों को और अधिक जागरूक किया जाना चाहिए। एनवायरमेंटलिस्ट स्वजल डिपार्टमेंट ऑफ ड्रिंकिंग वाटर एंड सैनिटेशन देहरादून विषय विशेषज्ञ डॉ लोकेंद्र सिंह चौहान ने जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। युवाओं को इस क्रांतिकारी अभियान में शामिल होने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि अब यह समय की आवश्यकता भी है कि जल प्रबंधन के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण को अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन पानी का जलस्तर जमीनी सतह से काफी कम होता जा रहा है जो कि एक चिंता का विषय है और इसी तरह से अगर पानी का जलस्तर कम होता गया तो आने वाला समय संसार में काफी भयानक होगा। कि आज से हम सबको प्रण लेकर पानी का कम से कम उपयोग करना है तथा इसकी बचत करनी है। विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर विद्याधर पांडेय ने कहा विकास ने क्षेत्र के लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि हमें पानी की बचत के लिए हर संभव कदम उठाने की जरूरत है। पानी के संरक्षण के लिए हमें तालाबों को बचाना होगा और इसके लिए भारत सरकार द्वारा विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। आज के समय मे भूगर्भ जलस्तर कितना घटता जा रहा है,जिसकी वजह से हमे अभी से जल बचाव के लिए प्रयास करने होंगे नही तो हमारे आने वाली पीढ़ियों को जल संकट से जूझना पड़ेगा
जल संरक्षण आज के पूरे विश्व की मुख्य चिंता है। प्रकृति हमें निरंतर वायु, जल, प्रकाश आदि शाश्वत गति से दे रही है लेकिन हम विकास की आंधी में बराबर प्रकृति का नैसर्गिक संतुलन बिगाड़ते जा रहे हैं। जल संरक्षण हेतु समय रहते चेत जाने की जरूरत है । डॉ अशोक कुमार मेंदोला ने कहा कि जल है तो जीवन है इस वाक्य को हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं फिर भी हमलोग गांव या शहरों में ऐसा देखने को मिलता हैं कि कहि कहि टूटे हुए नल से पानी बर्बाद होते दिख जाता हैं उसे देखकर भी हमलोगों अपने व्यस्तता के कारण खुले छोड़ आगे बढ़ जाने और पानी फिजूल में बर्बाद हो जाती है जो मनुष्य के जीवन जीने के लिए खाने से अधिक पानी की जरूरत है इसे बचाना होगा। हम सभी को चाहिए कि आस-पास के लोगो भी जागरुक करें और जरुरत से अधिक पानी का उपयोग नहीं करें पानी हैं कल है इसे हम सभी को मिलकर बचाना होगा।

नेहरू युवा केंद्र देहरादून की यूथ ऑफिसर श्रीमती टोलियां ने युवाओं को बताया कि वे अपने घर में वर्षा जल संरक्षण हेतु आवश्यक संरचना कैसे कम से कम लागत में बना सकते है।जल संरक्षण के लिए सोखता गड्ढ़ा बनाने और इससे भू- जल का स्तर को बनाए रखने, संरक्षित जल के उपयोग और साथ ही जिले में पानी की स्तर से युवाओं को अवगत कराया। साधनसेवी राकेश कुमार ने युवाओं को गांव में गंदा पानी की समस्या का समाधान और इसमें युवाओं की भूमिका पर चर्चा की।

मंच का संचालन एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित डॉ प्रीति खंडूरी कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा किया गया। इस अवसर डॉपारूल मिश्रा राष्ट्रीय सेवा योजना मौजूद रही। इस जल जागरण अभियान एवं युवाओं का प्रशिक्षण में 127 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया


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Garhninad Desk

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