हंस फाउंडेशन पहुंचा गंगी, मद्यनिषेध गोष्ठी का किया आयोजन
घनसाली से लोकेन्द्र जोशी। भारत तिब्बत बॉर्डर पर, बसे सीमांत गाँव- गंगी में कवि सम्मेलन के साथ, मद्य निषेध गोष्ठी का आयोजन किया गया। समारोह में हँस फाउंडेशन के द्वारा गांव वासियों को वस्त्र वितरित किए गए।
आज 29 अप्रैल को भारत तिब्बत सीमा पर बसे गंगी गांव में नशा मुक्ति जन जागरूकता शैक्षिक समिति भिलंगना के अध्यक्ष केसर सिंह रावत एवं सचिव आरबी सिंह के द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें कवियों ने नशा मुक्ति, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवम पलायन पर कविता पाठ किया।
इसके साथ ही हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला एवं भोले जी महाराज के द्वारा वस्त्र भेजकर ग्राम वासियों को उनके जिला संयोजक पूर्व जिला पंचायत सदस्य केदार बर्तवाल एवं युवा नेता पूर्व प्रधान सोकीन् भंडारी के माध्यम से गर्म वस्त्र वितरित व हंस फाउंडेशन के माध्यम से गंगी गांव में निशुल्क स्वास्थ्य कैंप लगा कर, ग्रामीणों के नेत्रों की जांच एवं अन्य स्वास्थ्य परीक्षण कर, रोगियों को निशुल्क दवाइयां भी वितरित की गई ।
यह पहली बार हुआ जब, भारत तिब्बत सीमा पर समुद्र तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर बर्फ से घिरे एवं सघन बन क्षेत्र के बीच में बसा अंतिम गांव- गंगी विकासखंड- भिलंगना जनपद- टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड, मे, कवि सम्मेलन का आयोजन बड़े जन समूह की उपस्थिति में हुआ।।
कविता पाठ में विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित कवि बेली राम कंसवाल की कविता- पलायन पर कटाक्ष,- “देहरादून की एक सुबेर” और “रँग मा पडिगे भंग” को दर्शकों द्वारा खूब सरहया गया। तो कविता पाठ करते हुए गंगी गांव में जन्मी बेटी और उसी गाँव की एक परिवार की,बहू बनी श्रीमती रीना ने बड़े जोशीले ढंग से कविता पाठ और अपने उद्बोधन में सामाजिक बुराइयों पर कटाक्ष कर,दर्शकों को गड़गड़ाहट के साथ ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया। श्रीमती रवीना ने गंगी गांव की बालिकाओं को शिक्षा नहीं दी जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की।
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज घनसाली की लोकप्रिय शिक्षिका श्रीमती रेखा डंगवाल ने कविता पाठ कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। गंगी गांव के बचन सिंह ने पर्यावरण पर प्राकृतिक ताल बुग्याल के संरक्षण व गीता पाठ के साथ कविता पाठ भी किया।
इस अवसर पर डॉ .मुकेश नैथानी, प्रधानाचार्य कमल नयन नौटियाल, उज्जल कुमार सैनी, शैलेन्द्र गैरोला,सुनील परमार,विपिन भट्ट, देशराज बिस्ट,,रजनीश नोटियाल, जयकृष्ण, मनोज रमोला, कई शिक्षक, पत्रकार, राजनीतिक एवं सामाजिक ख्याति प्राप्त लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एडवोकेट लोकेंद्र दत्त जोशी एवं संचालन मनोज सिंह मृदुल ने किया।