देश-दुनियाविविध न्यूज़

भगवान और भक्त के बीच शाश्वत संबंध ही है सनातन धर्म : नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज

Please click to share News

खबर को सुनें

चंडीगढ़। सनातन का अर्थ है शाश्वत अर्थात नित्य। भगवान और भक्त के बीच शाश्वत संबंध ही सनातन धर्म है। सनातन धर्म में तीन तरह की भक्ति और भक्त होते है। प्रथम सकाम भक्ति, द्वितीय निष्काम और तृतीय प्रेम भक्ति . यह बातें बद्रीनाथ धाम से आए नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कही।

वह शनिवार को बाबा बालकनाथजी वैष्णो माता गुफा मंदिर सैक्टर 31 पंचदिवसीय सत्संग उत्सव में व्यासपीठ से कथा कह रहे थे। उन्होंने बताया कि सकाम भक्ति में भक्त भगवान से कुछ चाहत रखकर उनकी आराधना करता है। निष्काम भक्ति में भक्त बगैर कुछ चाहत, बगैर कुछ इच्छा मन में लिए भक्ति करता है, लेकिन प्रेम भक्ति करनेवाले भक्त सर्वोत्तम होते हैं जो भगवान की पूजा ही नहीं अपितु प्रेम करते हैं, उनसे सेवा नहीं लेते, अपना सर्वस्व देकर उनकी सेवा करते हैं, यह ब्रजवासियों की भक्ति है।

संत रसिक महाराज ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार कहा गया है कि ब्रह्मा के भीतर 50 गुण है, महादेव को 55 गुण है और नारायण को 60 गुण हैं। भगवान नारायण के अवतार श्री कृष्ण जो कि स्वयं भगवान हैं, उनके पास 64 गुण हैं। उन्हें चार अतिरक्ति गुणों से अलंकृत किया गया है। ये गुण है रूप माधुर्य, लीला माधुर्य, वेणु माधुर्य और प्रेरणा प्रिया। कृष्ण का अर्थ ही है सबको आकर्षित करने वाला, सबका चित्त हरण करनेवाला। इस मौके सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल हुए। महाआरती के बाद भगवान को भोग लगाया गया। भक्तों ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान हरिनाम संकीर्तन पर भक्तों ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किए। अंत में महाप्रसाद का वितरण किया गया।


Please click to share News

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!