देवी भागवत कथा में है चारों युगो की संस्कृति का समावेश – रसिक महाराज
अष्टभुजी मां मंदिर खुडा अलीशेर के प्रांगण में नौ दिवसीय श्रीमद देवी भागवत कथा महापुराण का शुभारंभ शनिवार को हुआ। कथा प्रारम्भ होने से पहले भव्य कलश यात्रा निकाली गयी। अष्टभुजी माता मंदिर से प्रारंभ हुई कलश यात्रा खुडाअलीशेर के विभिन्न मार्गों से होती हुई अष्टभुजी माता मंदिर पहुंची। सिर पर कलश धारण किए महिलाएं और पुरुष विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए थे।
कथा वाचक जूना अखाड़े के प्रमुख संत नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने विधिवत पूजन-अर्चन कर कलश यात्रा का शुभारंभ किया। भक्तों के जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया। पीले वस्त्र और चुनरी धारण किए पुरुष और स्त्रियों ने सिर पर कलश रखकर माता का स्मरण कर जयकारा लगाते हुए कलश यात्रा को अष्टभुजी माता मंदिर तक पहुंचाया।
सड़कों और छतों पर खड़े होकर लोगों ने कलश यात्रा को देखा। कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रभु से कामना किया। बद्रीनाथ धाम से पधारे कथावाचक स्वामी रसिक महाराज ने श्रीमद देवी भागवत कथा महापुराण की कथा की महिमा का बखान करते हुए कहा कि कथा श्रवण मात्र से व्यक्ति का कल्याण हो जाता है।
उन्होंने कहा कि इस कथा में युगों का समावेश है, कथा के माध्यम से धर्म,अर्थ, काम, मोक्ष की विस्तृत जानकारी दी।