महाराज ने हनोल के “जागडा” को राजकीय मेला घोषित किया
निर्माणकार्यों की खराब गुणवत्ता पर पुरातत्व अधिकारियों को फटकार
देहरादून । प्रदेश के संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज अपने भ्रमण कार्यक्रम के अंतिम दिन हनोल स्थित महासू देवता मंदिर पहुंचे। वहाँ उन्होने जागडा (हरियाली मेले) से पूर्व व्यवस्थाओं को लेकर आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया।
प्रदेश के संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज अपने भ्रमण कार्यक्रम के अंतिम दिन हनोल स्थित महासू देवता मंदिर पहुंचे। यहाँ उन्होने सबसे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के साथ महासू देवता मंदिर का निरीक्षण किया।मंदिर परिसर में हुए निर्माण कार्यों में खराब गुणवत्ता को लेकर उन्होंने अधिकारियों को इस दौरान फटकार भी लगाई।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने श्री महासू देवता मंदिर, हनोल में होने वाले जागड़ा (हरियाली मेले) की व्यवस्थाओं को लेकर आयोजित बैठक में भी प्रतिभाग किया। इस दौरान संस्कृति मंत्री श्री महाराज ने जागड़ा (हरियाली मेले) को राजकीय मेला घोषित करने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने मन की बात में महासू महाराज का जो जागड़ा (हरियाली मेले) होने वाला है उसका उल्लेख पर इस क्षेत्र को बड़ी प्रमुखता दी है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरे मंदिर परिसर का मास्टर प्लान तैयार कर आने वाले समय में इस को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करेगी।
संस्कृति मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाएं लाइट, सुरक्षा व भंडारे का समुचित प्रबंध होना चाहिए। सभी को मिलकर इस आयोजन को सफल बनाना है। इस मौके पर श्री महाराज ने मानव उत्थान सेवा समिति के माध्यम से मंदिर को 1000 कंबल दिए जाने की भी बात कही।
बैठक में श्री महासू देवता मंदिर समिति हनोल के पदेन अध्यक्ष उपजिलाधिकारी, चकराता, पदेन उपाध्यक्ष, तहसीलदार, त्यूनी, सचिव पुरोहित मोहन लाल सेमवाल, संरक्षक, बजीर दीवान सिंह राणा, जयपाल सिंह पंवार, सदस्य पुजारी मदन चंद, प्रहलाद जोशी, राजेंद्र नौटियाल, राजगुरु चंदन राम राजगुरु, रघुवीर सिंह, राजाराम शर्मा, डॉक्टर नरेंद्र चौहान, नारायण सिंह पवार, टोनी, राजेंद्र चौहान, जितेंद्र सिंह चौहान, उर्मिला शर्मा और शांति राम आदि मौजूद थे।