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लोहड़ी/मकर संक्राति पर विशेष

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गोविंद पुण्डीर

ज्योतिषियों की गणना के हिसाब से इस बार मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी 2020 को मनाया जाएगा। जबकि हर साल 13 जनवरी को लोहड़ी और 14 को मकर संक्रांति मनायी जाती रही है। इस बार लोहड़ी 13 जनवरी को है। क्योंकि इस बार सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी की रात 02:07 बजे प्रवेश करेंगे, इसलिए संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी। 

उत्तराखंड के कई इलाकों में मकर संक्रांति को खिचड़ी संक्रान्द भी कहा जाता है। इस दिन घरों में काली दाल की खिचड़ी, चौलाई याने मारसे के लड्डू समेत कई तरह के पकवान बनाते जाते हैं। पुरानी टिहरी में तो दूर-दूर से श्रद्धालु भागीरथी-भिलंगना के संगम पर स्नान के लिए आते थे। उधर देवप्रयाग संगम पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं।

मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार मकर संक्रांति से ही सूर्य उत्तरायण होंगे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन ही गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिलमुनि के आश्रम से होते हुए गंगा सागर में जा मिली थीं। इसीलिए आज के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। एक अन्य दन्त्य कथा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन देवता पृथ्वी पर अवतरित होते हैं और गंगा स्नान करते हैं। इस वजह से भी गंगा स्नान का आज विशेष महत्व माना गया है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से व्यक्ति का पुण्य प्रभाव हजार गुना बढ़ जाता है। इस दिन से मलमास खत्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है। इस खास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है।


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