तीन दिवसीय iRISE कार्यशाला के द्वितीय दिन शिक्षकों ने सीखे विज्ञान और गणित के शिक्षण की रोचक रणनीतियां
टिहरी गढ़वाल 25 सितंबर 2024। डायट टिहरी में एससीईआरटी के निर्देशन में आयोजित तीन दिवसीय iRISE शिक्षक विकास कार्यशाला के दूसरे दिन गणित और विज्ञान के शिक्षण को रुचिकर और प्रभावी बनाने की अनूठी रणनीतियों पर चर्चा की गई।
कार्यशाला के द्वितीय दिवस पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के उप-महानिदेशक डॉ. कृष्णानंद बिजलवाण ने अपने संबोधन में स्टेम एजुकेशन की उपयोगिता और “कबाड़ से जुगाड़” के तहत सामान्य प्रयोगशाला उपकरणों के निर्माण और उनके प्रभावी प्रयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे यह कार्यक्रम शिक्षकों को गणित और विज्ञान को सरल और आकर्षक तरीके से पढ़ाने में सहायता करता है।
दूसरे दिन के पहले सत्र में डॉ. ईशान धूलिया ने सस्ते और कबाड़ से जुगाड़ विधियों का प्रयोग करते हुए मिश्रणों के पृथक्करण की विधियों को विद्यार्थियों के लिए आकर्षक ढंग से समझाने के तरीके साझा किए। दूसरे सत्र में श्रीमती चंचल बब्बर ने ट्रिग्नोमेट्री का उपयोग करते हुए हिप्सोमीटर के द्वारा किसी वस्तु की ऊँचाई मापने की सरलतम विधि को समझाया।
तीसरे सत्र में श्री विनोद बडोनी ने खाद्य पदार्थ और खाद्य श्रृंखला को पढ़ाने के रोचक तरीकों पर जोर दिया। अंतिम सत्र में डॉ. ईशान धूलिया ने चुम्बकत्व और विद्युत चुम्बकत्व जैसे जटिल विषयों को सस्ते और सुलभ प्रयोगों के माध्यम से पढ़ाने की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की।
इस कार्यशाला में डायट समन्वयक डॉ. मनबीर नेगी, डॉ. वीर सिंह रावत, दीपक रातुड़ी, और IISER पुणे से पंकज यादव और सुश्री पल्लवी भी उपस्थित रहे। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को नवाचारी तरीके सिखाकर शिक्षण प्रक्रिया को और प्रभावी बनाना था, जिसे प्रतिभागियों ने सराहा।