डॉ. मोहनलाल उनियाल जी की जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में दी गई श्रद्धांजलि
टिहरी गढ़वाल 15 सितंबर 2024। आज चम्बा में स्व. डॉ. मोहनलाल उनियाल जी की जयंती के अवसर पर शहर के गणमान्य लोग, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी वर्ग, और कांग्रेस जनों ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर आयोजित विचार गोष्ठी में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को नमन किया गया, साथ ही शिक्षा, साहित्य, आयुर्वेद और सामाजिक सरोकारों के प्रति उनके योगदान का उल्लेख किया गया।
डॉ. मोहनलाल उनियाल, चंबा के प्रमुख साहित्यकार, आयुर्वेदाचार्य, शिक्षाविद और समाजसेवी थे। 70-80 के दशक में उन्होंने समाज सेवा, चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका ध्यान मुख्य रूप से शिक्षा और आयुर्वेद चिकित्सा पर रहा। उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का गढ़वाली भाषा में अनुवाद कर क्षेत्रीय साहित्य को समृद्ध किया। इसके साथ ही, वे श्रीदेव सुमन राजकीय इंटर कॉलेज चंबा में अभिभावक संघ के अध्यक्ष भी रहे।
उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें, तो उनके पूर्वज मूल रूप से सकलाना के उनियाल गांव से थे, जो बाद में केमरी गांव में बस गए। उनका परिवार वैद्यक शास्त्र में पारंगत था, और इसी परंपरा को डॉ. मोहनलाल उनियाल ने आगे बढ़ाया। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में हजारों रोगियों का सफल इलाज किया और चंबा के प्रसिद्ध वैद्यों में गिने जाते थे।
गोष्ठी का आयोजन प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता साब सिंह सज्वाण द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कवि सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’ की कविता से हुई, जिसमें उन्होंने डॉ. मोहनलाल उनियाल को श्रद्धांजलि दी। शहर के गणमान्य व्यक्तियों और कांग्रेस जनों ने उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व. डॉ. मोहनलाल उनियाल अनुशासनप्रिय और सामाजिक समरसता के प्रतीक थे।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पियूष उनियाल ने डॉ. मोहनलाल उनियाल के जीवन के कई प्रसंगों को साझा किया, साथ ही उनके चिकित्सा और समाज सेवा के कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि स्व. उनियाल ने अपने जीवन के अंतिम समय तक समाज सेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया।
कार्यक्रम में पूर्व प्रमुख सोबन सिंह नेगी, शक्ति प्रसाद जोशी, सुनील गोपाल कोठारी, हरी सिंह मखलोगा, गिरवीर सिंह नेगी, श्रीपाल रावत, सुरेंद्र मोहन उनियाल और सत्येश्वर प्रसाद कोठियाल ने भी अपने विचार रखे। अंत में, आयोजक साब सिंह सज्वाण ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया और स्व. डॉ. मोहनलाल उनियाल के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
रिपोर्ट: सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’