12 नवंबर को इगास बग्वाल पर नई टिहरी में गूंजेंगे वीर भड़ माधो सिंह भंडारी के पंवाड़े
टिहरी गढ़वाल 10 नवम्बर 2024 । इगास बग्वाल को गढ़वाल क्षेत्र में 17 वीं शताब्दी के महान योद्धा माधो सिंह भंडारी की तिब्बत विजय से भी जोड़ा जाता रहा है। इनसे संबंधित लोकगीत पंवाड़ा शैली लोकगीतों के रूप में मौजूद हैं। गीतों को को 1960 -1970 के दशक में पहाड़ के गांधी इंद्रमणि बडोनी के निर्देशन में प्रख्यात लोक साधक, वादक और गायक शिवजनी ने समग्र रूप में संकलित किया था। ढोल पर विविध तालों के साथ गाथा गाई जाती है।
शिवजनी के अलावा माधो सिंह भंडारी के समग्र पावडे गढ़वाल में किसी और के पास उपलब्ध नहीं हैं। शिवजनी अब 88 वर्ष के हो चले हैं। यह वही शिवजनी हैं जिन्होंने 1956 में 20 साल की उम्र में पहाड़ के ढोल की ताल पर गणतंत्र दिवस की परेड में केदार नृत्य का पूरे देश से परिचय कराया था।
शिवजनी 12 नवंबर को नई टिहरी में वर्षों बाद एक बार फिर माधो सिंह भंडारी के जीवन और शौर्य से संबंधित पवाड़ो का ढोल के साथ गायन करेंगे।
इस आयोजन हेतु नई टिहरी में ईगास बग्वाल 2024 आयोजन को लेकर तैयारियां चल रही हैं। संस्कृति कर्मी महिपाल सिंह नेगी, देवेंद्र नौडियाल, शांति प्रसाद भट्ट, हरीश बडोनी, राहुल बुटोला, चरण सिंह नेगी, अमित पंत, त्रिहरी नेगी आदि ने शहरवासियों से इस आयोजन में सहयोग की अपील की है। कल विस्तृत बैठक होगी। आयोजन के लिए प्रस्तावित स्थान ओपन एअर थेटर (हवाघर) साईं चौक बौराड़ी रखा गया है।