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प्राथमिक शिक्षक के बच्चे द्वारा लगाई गई अनुकरणीय लम्बी छलांग, शिक्षा विभाग में बने अधिकारी-कुंजिका प्रसाद उनियाल

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श्रीनगर गढ़वाल। जो बच्चा गांव के प्राथमिक विद्यालय से पढ़कर आज शिक्षा विभाग में सहायक निदेशक की कुर्सी पर विराजमान हुआ है, स्वयं सेवा निवृत  प्राथमिक शिक्षक का पुत्र है। यह हमारे लिए गौरब की बात है। सुसंस्कारयुक्त प्रिय चण्डीप्रसाद घिल्डियाल को हमने बचपन से देखा बहुत लग्नशील,मातृ पितृ भक्त, मितव्ययी,चिन्तनशील और संगठन क्षमता के साथ साथ सामाजिक सरोकारों को जोड़ने की अद्भुतकला से परिपूर्ण।

5 सितंबर सन 1978 में पौड़ी गढ़वाल खिरसू विकासखंड के छोटे से गांव कंगडी मे प्राथमिक अध्यापक शिव प्रसाद घिल्डियाल एवं उमा देवी कि 8 सन्तानों के मध्य में जन्मे डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल की प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई जनता इंटर कॉलेज भट्टी सेरा  से प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद यह कुशाग्र बुद्धि बालक श्रीनगर गढ़वाल पहुंचा।

हमें याद है तबके अल्पवेतन भोगी प्राइमरी शिक्षक श्री शिवप्रसाद घिल्डियाल जी के दो बेटे चंडी प्रसाद और गोपाल कृष्ण पढ़ाई के लिए श्रीनगर गढ़वाल में रखे गये तो बस स्टेशन के पास टीन की छत वाले पुराने मकान में किराए पर थे। गर्मियों में तपती टिनशेड की गर्मी में चंडी प्रसाद जी अपने छोटे भाई को साथ में रखते हुए एक प्रकार से तपस्या करते हुए ही आगे बढ़े। उनके संरक्षण में एक छोटे भाई को भी अच्छे संस्कार मिले परंतु हिन्दी ,अंग्रेजी एवं संस्कृत भाषा पर समान रूप से अच्छी सारगर्भित  पकड़ के धनी चण्डीप्रसाद घिल्डियाल डुंगरीपंत हेड से अमर उजाला की रिपोटिंग के साथ अखिल  भारतीय विद्यार्थी परिषद् का भी कार्य करते थे। 

श्री चंडी प्रसाद घिल्डियाल विद्यार्थी परिषद में उत्तर प्रदेश सह मंत्री जैसे पदों पर भी रहे संगठन के कार्य को बहुत तल्लीनता से करते थे क्षेत्र के तमाम विद्यालयों में सदस्यता अभियान चलाते थे .साग सब्जी व आटा दाल चावल  घर गांव से लाते और अपने उद्देश्य प्राप्ति की ओर अग्रसर रहे। विज्ञान वर्ग के छात्र होने के बावजूद संस्कृत और ज्योतिष पर जबरदस्त लगाव के चलते चंडी प्रसाद बनारस संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में आचार्य भी हुए। आज डॉ० चण्डी प्रसाद घिल्डियाल का नाम उत्तराखंड ज्योतिष रत्न के रूप में देश ही नहीं विदेशों तक फैला हैं। उनकी इसी काबिलियत को देखते उत्तराखंड सरकार और विशेष रूप से शिक्षा मंत्री और संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को शिक्षा विभाग का अधिकारी बनाया गया।     

बता दें कि शिक्षा मंत्री डाॅ० धन सिंह रावत   और उनके साथ राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित अधिकारी डाॅ० चण्डी प्रसाद घिल्डियाल  दोनों छात्र जीवन से बहुत तंग हालत में पढ़ाई करते हुए अच्छे मित्र भी हैं और संगठन में साथ-साथ कार्य भी किए हुए हैं। शिक्षा क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य पूर्ण दक्षता से करेंगे,ऐसा हमारा विश्वास है।

बचपन से माँ श्री राजराजेश्वरी जी के प्रति अटूट आस्था रखने वाले डॉ धन सिंह रावत जी एवं डाॅ० चण्डी प्रसाद घिल्डियाल जी को शुभ आशीर्वाद व शुभकामनाएं।

—कुंजिका प्रसाद उनियाल सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक, मुख्य पुजारी श्री राजराजेश्वरी धाम देवलगढ़ श्रीनगर गढ़वाल


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