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उत्तराखंड के भविष्य पर मंथन: नई टिहरी में प्रबुद्धजनों का मेला

उत्तराखंड के भविष्य पर मंथन: नई टिहरी में प्रबुद्धजनों का मेला
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टिहरी गढ़वाल 3 मार्च । रविवार को भू भूम्याल जागृति मंच, टिहरी, उत्तराखंड’ के तत्वावधान में होटल भरतमंगलम, बौराड़ी, नई टिहरी में आयोजित ‘उत्तराखंड के भविष्य पर मंथन’ गोष्ठी में राज्य के प्रबुद्धजनों, समाजसेवियों, पत्रकारों, जन प्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों ने एक मंच पर आकर प्रदेश की चुनौतियों और उनके समाधान पर गहन विचार-विमर्श किया।

गोष्ठी का शुभारंभ राज्यआंदोलन के शहीदों के चित्र पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष उमेश चरण गुसाईं व अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

गोष्ठी में उत्तराखंड मे मूल निवास,भू-कानून, परिसीमन, पलायन, रोजगार एवं नियुक्तियाँ, जंगली जानवरों से सुरक्षा, स्थाई राजधानी का सवाल, 5 वीं अनुसूची एवं अनुच्छेद 371, पहाड़ को आपदाओं से बचाने का सवाल, जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त कर ने तथा टिहरी बाँध मे राज्य की हिस्सेदारी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संजोते हुए सतत विकास की ओर बढ़ना समय की मांग है।

इस ऐतिहासिक गोष्ठी में प्रमुख वक्ता के रूप मे विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी, दून डायलॉग के संयोजक अभिनव थापर, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सोशल ऐक्टिविस्ट श्रीमति बीना साजवान, वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन चौहान,उत्तराखंड बेरोजगार संघ के संयोजक बॉबी पँवार, वरिष्ठ पत्रकार महिपाल नेगी, वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत, उत्तराखंड एकता मंच के संयोजक अनूप बिष्ट, उत्तराखंड जन जागृति संस्थान के अध्यक्ष अरण्य रंजन, मूल निवास भूकानून संघर्ष समिति के सचिव श्री प्रांजल नौडियाल, टिहरी बाँध प्रभावित जनसमूह संघर्ष समिति के अध्यक्ष बलदेव कुमाईं, मूल निवास भूकानून संघर्ष समिति से जुड़े मनीष केडियाल व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

गोष्ठी में युवाओं को उत्तराखंड की पहचान और अधिकारों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।सरकार से मजबूत भू-कानून लागू करने, स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने और पलायन रोकने के लिए ठोस नीतियां बनाने की अपील की।

‘भू भूम्याल जागृति मंच’ के संयोजक देवेंद्र नौडियाल और सह-संयोजक अमित पंत ने सभी अतिथियों और सहभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह गोष्ठी उत्तराखंड में एक नए जन-जागरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
गोष्ठी का समापन वक्तव्य वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं मंच के संरक्षक डॉ राकेश भूषण गोदयाल द्वारा दिया गया।

उन्होंने कहा कि यह आयोजन सिर्फ एक चर्चा नहीं, बल्कि उत्तराखंड के सुनहरे भविष्य की नींव रखने की ओर एक सशक्त कदम है। आने वाले समय में इस विमर्श को और व्यापक स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया गया।
गोष्ठी में उपरोक्त के अलावा नागरिक मंच के अध्यक्ष सुंदरलाल उनियाल, नगर पालिका अध्यक्ष मोहन सिंह रावत, कमल सिंह महर भगवान चंद्र रमोला, डॉ जगजीत नेगी,राजेंद्र सिंह असवाल, अनुसूया प्रसाद नौटियाल,सभासद श्रीमती उर्मिला राणा, पूर्व प्रमुख श्रीमती रीता रावत, सभासद नवीन सेमवाल, सभासद शक्ति प्रसाद जोशी, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित सजवान पूर्व छात्र संघ महासचिव प्रदीप सजवान, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रदीप सकलानी,अतोल गुसाईं,रवीश उनियाल,उत्तम तोमर, चंडी प्रसाद डबराल,विवेक जोशी,कांति उनियाल,लखबीर चौहान, आंदोलनकारी राजेंद्र बहुगुणा, मनीष पंत, हिमांशु रावत, कुंवर सिंह सजवान आदि कई नागरिकगण मौजूद थे।


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Govind Pundir

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