कृषि विज्ञान केंद्र रानीचौरी में एकीकृत कृषि क्लस्टर हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का सीडीओ ने किया शुभारम्भ

टिहरी गढ़वाल, 25 सितम्बर 2025। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र रानीचौरी एवं जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आज “पर्वतीय खाद्यान एवं औद्यानिकी फसलों का उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन तकनीकी” विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी वरुणा अग्रवाल ने किया। इस प्रशिक्षण का आयोजन राष्ट्रीय कृषि आजीविका मिशन के तहत एकीकृत कृषि क्लस्टर योजना से जुड़े ब्लॉक थौलधार और नरेंद्रनगर के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम समन्वयक व कोर्स निदेशक डॉ. कीर्ति कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में टिहरी जिले के कुल 250 महिला कृषक विभिन्न क्लस्टरों (नरेंद्रनगर, जाखणीधार, थौलधार, भिलंगना एवं देवप्रयाग) से भाग ले रही हैं। प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकी से अवगत कराना तथा उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करना है।
मुख्य अतिथि वरुणा अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि जिला प्रशासन महिलाओं को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के माध्यम से महिलाओं को खाद्य प्रसंस्करण, मशरूम उत्पादन, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर आजीविका के नए अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इस अवसर पर डॉ. अरबिंद बिजलवान, निदेशक शैक्षणिक ने पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। अधिष्ठाता डॉ. टी. एस. मेहरा ने नवीनतम शोध, कृषि प्रणाली और एकीकृत कृषि के महत्व को रेखांकित किया। वहीं, परियोजना निदेशक श्री पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने योजना की उपलब्धियों और गतिविधियों की जानकारी दी।
प्रो. जे.सी. उनियाल ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया, जबकि प्रभारी अधिकारी डॉ. आलोक येवले ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में डॉ. पंकज कुमार, डॉ. वी.एस. भुटोला, डॉ. सचिन कुमार, श्री विनोद रमोला, श्रीमती संगीता देवी सहित कुल 74 प्रतिभागी उपस्थित रहे।