अगरोड़ा महाविद्यालय में उत्तराखंड रजत जयंती के तहत एक दिवसीय एनएसएस शिविर आयोजित

टिहरी गढ़वाल। शहीद श्रीमती हंसा धनाई राजकीय महाविद्यालय, अगरोड़ा में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रजत जयंती समारोह बड़े हर्षोल्लास और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने शहीद श्रीमती हंसा धनाई की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। इसके पश्चात उन्होंने वीर शहीदों को नमन करते हुए सभी से राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन कराया।
रजत जयंती अवसर पर एनएसएस इकाई की ओर से आयोजित एक दिवसीय शिविर में कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रमोद सिंह के निर्देशन में स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों ने राज्य स्थापना की यात्रा, उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं पर विचार व्यक्त किए। इस दौरान डॉ. प्रमोद सिंह ने कहा कि 9 नवंबर 2000 को वर्षों के संघर्ष, त्याग और 42 बलिदानों के बाद उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया। आज राज्य सैन्य योगदान, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, जैविक खेती, बागवानी और जलविद्युत के क्षेत्र में पूरे देश के लिए एक मिसाल बन चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन का उद्देश्य केवल अलग राज्य प्राप्त करना नहीं था, बल्कि इसकी विशिष्ट भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करना था।कार्यक्रम में छात्रा अनीश शाह (बीए पंचम सेमेस्टर) ने कहा कि राज्य आंदोलन के पीछे हमारे शहीदों की दूरदर्शी सोच थी, जिसमें उन्होंने “पहाड़ का पानी और जवानी” को प्रदेश और देश के निर्माण में लगाने का संकल्प लिया था। वहीं छात्र साहिल सिंह नेगी (एमए प्रथम सेमेस्टर) ने युवाओं से आह्वान किया कि वे केवल सरकारी नौकरियों पर निर्भर न रहकर स्वावलंबन और स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हों।कार्यक्रम के अंत में एनएसएस स्वयंसेवकों और शिक्षकों ने महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक धीरेश विजल्वाण, कृष्णपाल सिंह, अंशु टम्टा, डॉ. योगेंद्र गुसाईं, डॉ. प्रमोद सिंह, जोगेंद्र कुमार, मीरा सहित कर्मचारी हरीश मोहन सिंह नेगी, अजीत सिंह, रोहित कुमार तथा छात्र-छात्राएँ सुशील, रिया, सोनिया आदि उपस्थित रहे।



