नई टिहरी (5) “मिनी स्विट्जरलैंड”….वह वादा कितना धरातल पर !
*विक्रम बिष्ट*
नई टिहरी। टिहरी बांध परियोजना पुनर्वास निदेशालय प्रभावित क्षेत्र के निवासियों के पुनर्वास की रूपरेखा जनवरी 1989। 1986 में सोवियत संघ के राष्ट्रपति के गोर्बाचोव के भारत के दौरे के समय दोनों देशों के बीच टिहरी बांध निर्माण के लिए 2000 करोड़ पर तकनीकी सहायता का करार हुआ था। उससे पूर्व यह उत्तर प्रदेश सरकार की योजना थी। धनाभाव परियोजना के लिए संकट बन रहा था।
समझौते के क्रियान्वयन के लिए केंद्र और यूपी सरकार का संयुक्त उपक्रम टिहरी जल विकास निगम का गठन किया गया था। दोनों की इसमें क्रमशः 75 एवं 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय की गई थी। निगम को पुनर्वास का जिम्मा देने का निर्णय बाद में हुआ था।
इस रूपरेखा में नगरीय पुनर्वास के बारे में बताया गया था कि ” भारत में नया टिहरी नगर प्रथम पर्वतीय निर्मित नगर है जो आधुनिक सुख सुविधाओं से युक्त सभी वर्गों के लिए संपन्न है। यह नगर औद्योगिक, व्यावसायिक, शैक्षिक तथा पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा।” नये टिहरी को एक आदर्श नगर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
हमें नहीं मालूम की नई टिहरी के कितने लोग इस बात पर सहमत हैं कि सरकार ने यह वादा पूरा कर लिया है। जो असहमत हैं, उनके पास बहुत से कारण हैं। लेकिन एक वर्ग है ,जिसके लिए यह सोने की खान साबित हुआ है। जारी….