*बुधू*( व्यंग्य):: ऐसी होगी उत्तराखंड की नई सरकार
नई टिहरी।
आजकल उत्तराखंड फेसबुक पर छाया हुआ है। लगता है बड़ी क्रांति होने वाली है। कांग्रेस तो बासी कड़ी है। बीच-बीच में इसमें उबाल आता रहता है। कढ़ाई की तली में सत्ता के दिनों में सपोडी गई मक्खन- मलाई की गंध जोर मारती रहती है ।
भगुवा वाले भाई बहने परेशान हैं । आजकल सोशल मीडिया बहुत खराब हो गया है। पहले वाले पपू-चपू अब उन्हें उन्हीं की बोली भाषा में चिढ़ा रहे हैं। देहरादून तो उनका भी कांग्रेसियों की तरह आधा अधूरा है । असली मां-बाप का घर तो दिल्ली है। सत्ता काल में महंगी से महंगी पीने वालों को चुनाव में भांग धतूरे के साथ उत्तराखंड की यादें सताती हैं। इतनी बेमौसम की बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है । लेकिन चुनावी मौसम की तैयारियों के लिए यह जरूरी है। गांधीजी के शांतिदूत और राम शक्ति के अग्रदूत इतना बटोरे-बटोरी के कष्ट पहाड़ियों के लिए ही करते हैं।
अब तक की उत्तराखंड की महान परंपरा है कि मासूम जनता लूट का ठेका दो बड़ों को देती है। छुटकों को दो घूंट इधर या उधर से लेनी पड़ती है। इन छुटकों की पार्टी के पास है तो महान विरासत लेकिन उस पर चलने की बजाय भाजपा कांग्रेसियों के लिए रोते झींकते रहते हैं। उत्तराखंड के लिए इनका दर्द छलकता रहता है, कि वे सारी की सारी पी गए हैं । हमें भी आजमाओ ।
लेकिन इस बार फेसबुक पर लगता है कि क्षेत्रीय सोच विचार के पांव भारी हैं । सत्ता इनकी ही गोद भरने वाली है। दोनों बड़कों की सरकार तो देखी है । इनकी देखते हैं कि कैसी होगी।
सरकार में 4-5 मुख्यमंत्री होंगे। मुख्य मुख्यमंत्री के पास मुख्य मुख्य चापलूसों, चाटुकारों के सलाहकार मंडल का प्रभार रहेगा। यह मंडल इस बात को सुनिश्चित करेगा कि बास की नींद में खलल न पड़े। बास के सोते जागते जयकारे लगाना इसका मुख्य कार्य होगा। बाकी मुख्यमंत्री अपने अपने इलाके खुद ही झपटने को स्वतंत्र होंगे ।
सबसे प्रमुख विभाग शिक्षा, स्वास्थ्य, आबकारी, खनन मुख्य मुख्यमंत्री के ठीक नीचे एक ही मंत्री के पास होंगे । उसके पास एक साथ सभी पट्टे जारी करने का पूर्ण अधिकार होगा। उत्तराखंड की देव संस्कृति का बड़ा मंत्रालय होगा। इसकी आचार संहिता गाली पुराण होगा । उसमें कौन कौन से शब्द जोड़े जाएं यह मंत्री का विशेष अधिकार होगा। मंत्री को यह ध्यान रहे कि गाली के प्रत्येक वाक्य पर खाली मुंडी वालों की जोरदार ताली बजती रहे।
भावी सरकार की शुभकामनाएं।
आपका- बुधू।