बुधू ** काला पानी का भावी विधायक **
नई टिहरी। कल तक लोग चीखते चिल्लाते रहते थे टिहरी बांध का पानी दिल्ली को-काला पानी हमको। इधर चांठी-डोबरा पुल पर आना जाना शुरू हुए साल भर नहीं हुआ, काला पानी वालों ने लंबी छलांग लगा दी। पहले इनके खाते में एक विधायक, एक पूर्व विधायक के साथ पूर्व विधायक प्रत्याशी होता था। विधायक और पूर्व विधायक अपने अपने भविष्य की चिंता में छठ पटा रहे हैं । प्रत्याशी जी ने सीधे छलांग लगाई और भावी विधायक घोषित हो गए। लो पकड़ लो अब अपना डोबरा चांटी का ठुल्लू।
काला पानी में पहले भी कई चमत्कार हुए हैं। एक तो बरसों से परमानेंट हैं। हारे तो क्या हुआ हरिनाम तो है। उत्तराखंड क्रांति दल को उत्तराखंड राज्य बनाने का श्रेय कोई दे ना दे अजूबे किस्म के नेता देने का रिकॉर्ड तो इस बेचारे दल के खाते में है। अपने पूर्वज चुल्लखचोरिया पत्रकार जी की आत्मा ने आपके बुधू महोदय जी को एक पुराना किस्सा सुनाया है। आप भी जानिए। अपनी जड़ें तलाशने के लिए दिल्ली से पठाए गए कुछ खद्दरधारियों के झांसे में आकर उक्रांद ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया था ।
सरकार को चुनाव कराने के लिए बलि के बकरे चाहिए थे । टिहरी के राजा के पूर्वज प्रतापशाह के नगर में भी उसको एक बकरा मिल गया। वह बकरा पहले उक्रांद के भीड़ प्रशिक्षण केंद्र में था। उक्रांद के कहने पर उसने हरे-भरे उत्तराखंड के लिए भूख हड़ताल भी की थी। अब उक्रांद वाले ठहरे ठेठ भावुक पहाड़ी। सामने रखी थाली को ठोकर मारकर चल देने वाले। बकरा कब तक खैर मनाए। सरकार के ठेकेदार ने चारा फेंका। बकरा सबसे पहले मैदान में कूद गया। राजा फिर जीत गया।
बकरा आज भी कालापानी-कालापानी चिल्लाना नहीं भूला है। चिल्लाने वाले उस पार- इस पार आज भी बहुत हैं । लेकिन सुर बदल गए हैं। काला पानी की सजा माफी मैंने दिलाई! …नहीं मैंने दिलाई। मैं.. ने..।
खैर अब काला पानी में जब भावी विधायक प्रकट हो गया है तो बधाई। 9 सितंबर तक तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं चुने जाते तो क्या होगा? काला पानी वालों से भारी उम्मीद है। देर किस बात की, अपने पूर्व विधायक प्रत्याशी उर्फ भावी विधायक जी को भावी मुख्यमंत्री घोषित कर दो।
गुडडू भाई, माफ करना आपके आसपास वालों को कुछ सुनाई देता है क्या। काला पानी वालों को थैले भर-भरकर बधाई।
आपका बुधू।