बड़ी खबर: चारधाम यात्रा रोक मामले में हाई कोर्ट के फैसले को अब “सुप्रीम” चुनौती
देहरादून। एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने के सरकार के फैसले पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद सरकार अब हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं है। सूत्रों की माने तो सरकार ने न्याय विभाग से राय सुमारी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है।
शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल का दावा है कि चारधाम यात्रा के लिए सरकार द्वारा पुख्ता व्यवस्था की गयी है। उत्तराखंड के लिए चारधाम यात्रा बहुत जरूरी भी है। कोरोना संक्रमण के कारण 14 मई से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई थी। कोरोना संक्रमण के मामले घटने के बाद सरकार ने एक जुलाई से यात्रा की शुरुआत करने का निर्णय लिया था।
आपको बता दें कि प्रथम चरण में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री वाले तीन जिलों के स्थानीय निवासियों को कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के साथ अपने-अपने जिले के धामों में एक जुलाई से दर्शन की अनुमति दी गई थी । इस बीच चारधाम यात्रा से संबंधित मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को विस्तृत एसओपी तैयार करने के साथ ही व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए।
सोमवार को शासन की ओर से एसओपी प्रस्तुत की गई, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। साथ ही चारधाम यात्रा शुरू करने के कैबिनेट के निर्णय पर रोक के आदेश पारित किए। सोमवार शाम सरकार की ओर से संकेत दिए गए थे कि हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जाएगी।
हाई कोर्ट के निर्णय के अनुरूप उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से तीन जिलों के स्थानीय निवासियों के लिए शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है। प्रदेश में लागू कोविड कर्फ्यू की SOP से यात्रा शुरू करने संबंधी प्रविधान भी मंगलवार को हटा दिया और अग्रिम आदेशों तक चारधाम यात्रा प्रतिबंधित कर दी।