आश्चर्य: लापता को मृत समझ कर दिया क्रियाकर्म, मगर वह लौट आया घर
उत्तराखंड। लगभग 48 साल की उम्र में याने आज से 24 साल पहले जिस लापता सख्श को परिजन मृत मानकर क्रियाकर्म भी कर चुके थे, वह 72 साल की उम्र में घर के समीप खेत मे खड़ा मिला।
जी हां यह घटना सच्ची है। बात है रानीखेत के निकटवर्ती जैनोली गांव की जहां 24 साल पहले एक व्यक्ति गहड़ से लापता हो गया था। कई सालों तक तमाम कोशिशों के बाद जब उनका पता नहीं लगा तो उसे मृत मानकर परिजन उनका क्रियाकर्म कर चुके थे।
लेकिन विगत रविवार को वह व्यक्ति रहस्यमयी ढंग से घर के नीचे खेत में खड़ा मिला अब उनकी उम्र लगभग 72 साल की हो गई है, शरीर भी दुबला पतला हो गया है। व्यक्ति को ग्रामीण डोली में रखकर घर लाए जहां परिजन उन्हें अचानक अपने पास देखकर भावुक हो गये।
यह मामला रानीखेत के अंतर्गत ताड़ीखेत ब्लाक के जैनोली गांव का है। इस गांव का माधो सिंह उर्फ भगवत सिंह पुत्र खड़ग सिंह पिछले 24 साल से लापता थे। बताते हैं कि किसी बात से आहत होकर उन्होंने घर छोड़ दिया था। परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। परिजनों ने घर में ईष्ट देवता जागर लगाया तो यह बात सामने आई कि माधो सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्हें मृत मानकर परिजनों ने उनके क्रियाकर्म की सांकेतिक रस्म करने के बाद मुंडन आदि भी कर लिया था। वविगत रविवार को जब अचानक 24 साल बाद माधो सिंह आश्चर्यजनक ढंग से सुबह घर के पास अपने खेतों में खड़े दिखे तो लोग उन्हें डोली में बिठाकर गहड़ ले आये।
हालांकि वह कमजोर हो गए हैं और कुछ स्पष्ठ बोल भी नहीं पा रहे हैं । वह चलने फिरने में भी असमर्थ हैं। बहरहाल परिजनों ने अपने पुरोहित से संपर्क किया तो पुरोहित ने कहा कि उनका फिर से नामकरण किया जाएगा तभी वह घर में प्रवेश कर पाएंगे।
घटना के बाद से विधवा घोषित हो चुकी उनकी पत्नी जीवंती देवी ने जब पति माधो सिंह को देखा तो वह आंसू नहीं रोक पाईं। अपने पिता को 24 साल बाद सामने देख उनका 30 वर्षीय बेटा भी भावुक हो गया।