“टिहरी वाटर स्पोर्ट कप” का आयोजन: 28 से 30 दिसम्बर को 17 राज्यों के 300 प्रतिभागी दिखाएंगे रोमांच
टिहरी गढ़वाल 20 दिसम्बर। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से टिहरी झील में पहली बार “टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप” का आयोजन 28 से 30 दिसंबर 2022 तक करने जा रहा है। इस आयोजन में एशियाई चैंपियनशिप एवं ओलंपिक क्वालीफाइंग 2020-23 का आयोजन होगा। 17 राज्यों के करीब 300 प्रतिभागी इसमें शामिल हो रहे हैं।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड टिहरी झील में “4th रैंकिंग और ओपन कैनो स्प्रिंट सीनियर (पुरुष और महिला) चैंपियनशिप” का आयोजन करेगी। आइटीबीपी की ओर से इस आयोजन में तकनीकी सहयोग किया जाएगा। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, उत्तराखंड नौकायन कयाकिंग एसोसिएशन, एसडीआरएफ इसमें सहयोग करेगा।
उल्लेखनीय है कि यह अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन एशियन चैंपियनशिप और ओलम्पिक क्वालीफायर- 2023 का क्वालीफायर राउंड भी होगा। इस आयोजन में 300 से ज्यादा खेल प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग करके अपने हुनर का लोहा मनवाना अपेक्षित है।
कैनो स्प्रिंट-पुरुष और महिला सीनियर इवेंट में प्रतिभागी 200 मीटर, 500 मीटर, 1000 मीटर और 5000 मीटर वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगे। जबकि मिक्स्ड पुरुष और महिला सीनियर स्पर्धाओं में प्रतिभागी मिक्स्ड-D में 500 मीटर और मास्टर पुरुष और महिला में 200 मीटर के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। कई उल्लेखनीय हस्तियों की उपस्थिति भी इस खेल आयोजन में अपेक्षित है।
यह तीन दिवसीय खेल आयोजन पूरे देश के कई खेल प्रेमीयों और खिलाड़ियों के लिए इस चैंपियनशिप में अपनी प्रतिभा और धीरज दिखाने के साथ-साथ उभरते खिलाड़ियों के बीच खेल संस्कृति और एकता को बढ़ावा देने का अवसर भी साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त टूर्नामेंट ‘खेलो इंडिया’ की भावना को और मजबूत करने का भी एक प्रयास है। उत्तराखंड राज्य चार धाम यात्रा के तीर्थयात्रियों के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह आयोजन अभूतपूर्व कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण पर्यटन क्षेत्र और राज्य की प्रभावित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी योगदान देगा।
टीएचडीसीआईएल भारत की अग्रणी विद्युत उत्पादन कंपनियों में से एक है । टिहरी बांध एवं एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी(400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट एवं द्वारका में 63 मेगावाट की पवन विद्युत परियोजनाओं, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं कासर गॉड केरल में 50 मेगावाट की सौर परियोजना के साथ टीएचडीसीआईएल की कुल संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट हो गई है ।