राष्ट्रीय युवा दिवस पर कार्यशाला एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित
ऋषिकेश12 जनवरी। पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश मैं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर विकसित युवा विकसित भारत विषय पर कार्यशाला एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।
कार्यशाला का उद्घाटन श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति महावीर सिंह रावत द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन हर साल हमारे प्रतिभाशाली युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करने के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति का विश्व बंधुत्व का संदेश प्रदान करने के लिए किया जाता है। दुनिया के पटल पर सर्वाधिक युवाओं के आंकड़ों की बात आती है तो भारत का नाम सबसे आगे आता है। अधिकतर युवाओं की बदौलत ही आज हमारा देश आगे बढ़ रहा है। चाहे चिकित्सा हो या फिर शिक्षा का क्षेत्र। हर जगह यही युवा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। युवा दिवस पर युवा स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलकर देश के लिए कुछ नया और बेहतर करने का संकल्प लेते हैं।
मुख्य अतिथि पर्यावरणविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री विनोद जुगलान ने अपने संबोधन में कहा
देश में हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। यह दिन स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। वही, स्वामी विवेकानंद जो आज भी देश के लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं और भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली नेतृत्वकर्ताओं में से एक थे। उनके विचार और जीवन हमारे लिए प्रेरणादायी हैं। शिकागो धर्म संसद में जब स्वामी विवेकानंद ने ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’ कहकर भाषण शुरू किया तो दो मिनट तक सभागार में तालियां बजती रहीं।
जिला विधिक प्राधिकरण से आई पैरा लीगल वॉलिंटियर विभा नामदेव ने अपने संबोधन में कहां आज भारत की युवा ऊर्जा अंगड़ाई ले रही है और भारत विश्व में सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाला देश माना जा रहा है। इसी युवा शक्ति में भारत की ऊर्जा अंतरनिहित है। इसीलिए पूर्व राष्ट्रपति डा एपीजे अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020 नाम की अपनी कृति में भारत के एक महान राष्ट्र बनने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की है।एवं विधिक जानकारी दी।
कार्यशाला के संयोजक एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ अशोक कुमार मेंदोला ने अपने संबोधन में कहा यह दिन देश के युवाओं के लिए मनाया जाता है, और उन्हें विवेकानंद के विचारों और दर्शन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। साथ ही दूसरों को भी रास्ता दिखाते हैं। यह युवा पूरी तरह से ऊर्जा से भरे हुए हैं, जिनकी मेहनत से सारा जहां रोशन हो रहा है।युवा वायु के समान होता है। जब वायु पुरवाई के रूप में धीरे-धीरे चलती है तो सबको अच्छी लगती है। सबको बर्बाद कर देने वाली आंधी किसी को भी अच्छी नहीं लगती है। हमें इस पुरवाई का उपयोग विज्ञान, तकनीक, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में करना होगा। यदि हम इस युवा शक्ति का सकारात्मक उपयोग करेंगे तो विश्व गुरु ही नहीं, अपितु विश्व का निर्माण करने वाले विश्वकर्मा के रूप में भी जाने जाएंगे। कार्यशाला में रोहित सोनी एवं निजाम आलम ने भी अपने विचार रखे।
विकसित युवा विकसित भारत, निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सिमरन अरोड़ा, द्वितीय स्थान सूरज कुमार मौर्य, नीरज शर्मा, तृतीय स्थान संजना गुप्ता, द्वारा प्राप्त किया गया। इस कार्यशाला में 128 स्वयंसेवीओ ने प्रतिभाग किया।