जानिए सूर्य-ग्रहण के बारे में आवश्यक जानकारियाँ
26 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य-ग्रहण लग रहा है। इसका सूतक आज (25 दिसंबर) शाम 5 बजकर 32 मिनट बजे से लगेगा। शाम से मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। बृहस्पतिवार को सूतक हटने के बाद विधि विधान से मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे और पूजा अर्चना होगी।
इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण बृहस्पतिवार सुबह करीब 2.40 बजे से शुरू होगा। सुबह 8.17 बजे से 10.57 बजे के बीच अलग-अलग स्थानों पर सूर्यग्रहण देखा जा सकता है। इसके सूतक काल की शुरूआत बुधवार शाम से हो जाएगी। ज्योतिषाचार्य आचार्य डा. संतोष खंडूड़ी ने बताया कि बुधवार शाम 5.32 बजे से ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा।
सूतक को शुभ कार्यों के लिए बेहतर नहीं माना जाता। इसलिए इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और पूजा-अर्चना नहीं होगी। बृहस्पतिवार सुबह सूतक हटने के बाद शुद्धिकरण और अन्य विधि विधान से मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि 21 जून 2020 को सबसे बड़ा सूर्यग्रहण होगा, जो सभी जगह से दिखेगा।
सूर्यग्रहण: बृहस्पतिवार (26 दिसंबर)
समय : सुबह 8.17 बजे से 10.57 बजे तक
सूतक काल : 25 दिसंबर शाम 5.32 बजे से
राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
सूर्यग्रहण का सभी राशियों के जातकों पर प्रभाव पड़ेगा। खंडग्रास सूर्यग्रहण कर्क, तुला, कुंभ, मीन के लिए शुभ फलकारक परिणाम लाएगा। अन्य जातकों के लिए यह मिला जुला रह सकता है। डा. संतोष खंडूड़ी ने बताया कि सूर्यग्रहण का किसी भी राशि के जातक पर विपरीत प्रभाव पड़ने का अनुमान नहीं है।
आंखों को पहुँचाएगा नुकसान
खगोल विज्ञान केंद्र कोलकाता के वैज्ञानिक के अनुसार सूर्य-ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी नंगी आंखों से देखना खतरनाक हो सकता है। जब चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे नंगी आंखों से देखने पर अंधापन हो सकता है। उन्होंने बताया कि एलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नंबर शेड के झलाईदार कांच जैसे उपयुक्त फिल्टर का उपयोग या टेलीस्कोप के जरिये सफेद पट पर सूर्य की छाया डालकर इसे देखना सुरक्षित है।