सहस्त्रताल में ट्रैकिंग के दौरान 9 ट्रैकर्स की मौत, 10 सुरक्षित निकाले गए
उत्तरकाशी 5 जून। सहस्त्रताल में ट्रैकिंग पर गए 22 सदस्यीय दल में से नौ ट्रैकर्स की मौत हो गई है, जबकि दस ट्रैकर्स को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है। यह दुर्घटना 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल ट्रैक पर हुई।
29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। खराब मौसम के कारण ट्रैकर्स रास्ता भटक गए और ठंड की वजह से चार ट्रैकर्स की मौत हो गई। 18 ट्रैकर्स वहां फंसे रह गए थे। आज पांच और ट्रैकर्स की मौत हो गई, जिससे कुल मृतकों की संख्या नौ हो गई है।
जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायु सेना के दो चेतक हेलिकॉप्टरों को रेस्क्यू अभियान में लगाया गया। इस अभियान के दौरान दस ट्रैकर्स को सुरक्षित एयरलिफ्ट कर निकाला गया है। जिले की ट्रैकिंग एजेंसियों के माध्यम से जिला आपदा प्रबंधन को इसकी सूचना मिली थी, जिसके बाद रेस्क्यू के लिए कार्रवाई शुरू की गई।
इस हादसे ने पिछले साल 4 अक्तूबर 2022 को निम के द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे की याद दिला दी है, जिसमें निम के 34 प्रशिक्षुओं का दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया था और 27 लोगों की मौत हो गई थी। दो लोग अब भी लापता हैं, जिनमें उत्तराखंड से नौसेना में नाविक विनय पंवार और हिमाचल निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट शामिल हैं। उस समय निम और एसडीआरएफ की टीम ने माइनस 25 डिग्री तापमान में भी लापता लोगों की खोजबीन के लिए विशेष अभियान चलाया था।
इस बार के हादसे में खराब मौसम और ठंड ने ट्रैकर्स के लिए मुश्किलें पैदा कीं। जिला प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने तेजी से कार्रवाई की, जिससे दस ट्रैकर्स को सुरक्षित बचाया जा सका।